छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित भर्ती अब केवल एक राज्य का मुद्दा नहीं रह गया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय फलक पर गूंजने लगा है। मुंगेली जिले के चन्द्रखुरी निवासी सूरज मानिकपुरी ने राज्य में घोषित 57,000 शिक्षकों की भर्ती को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से सूरज ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया है, ताकि लंबे समय से लटकी हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र अमलीजामा पहनाया जा सके।
सूरज ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ‘परम मित्र’ हैं। इसी मित्रता का हवाला देते हुए उन्होंने ट्रंप से अपील की है कि वे अपने मित्र मोदी से आग्रह करें कि छत्तीसगढ़ की शिक्षक भर्ती को प्राथमिकता देते हुए ‘मोदी की गारंटी’ को जल्द से जल्द पूरा करें।
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल सरकार की ओर ध्यान खींचा है, बल्कि युवाओं की पीड़ा, बेरोजगारी की मार और शिक्षक बनने की जिद को भी दुनिया के सामने उजागर किया है। यह पहला मौका है जब राज्य की एक नियुक्ति मांग अमेरिका के राष्ट्रपति के दरवाज़े तक पहुँच गई हो।
यह मामला दर्शाता है:
- छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं की बेचैनी कितनी गहरी है
- शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक रिक्तियों के बावजूद नियुक्तियों में देरी से किस कदर हताशा बढ़ी है
- युवाओं को अब अपनी आवाज़ अंतरराष्ट्रीय स्तर तक उठानी पड़ रही है
सूरज मानिकपुरी का यह साहसिक कदम सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियाँ बटोर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह अंतरराष्ट्रीय अपील केंद्र सरकार को कोई स्पष्ट और शीघ्र निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर पाती है।
क्या अब ‘मोदी की गारंटी’ का इंतज़ार खत्म होगा?
देश और प्रदेश के लाखों अभ्यर्थी इसी सवाल के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं।