नई दिल्ली //
राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन भवन में आज देशभर के विभिन्न शिक्षक संगठनों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें टेट परीक्षा की अनिवार्यता के विरोध में एकमत होकर आल इंडिया टीचर फेडरेशन का गठन किया गया। इस संगठन के माध्यम से अब देशभर के शिक्षक एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। संगठन का उद्देश्य वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को टेट परीक्षा से मुक्त रखने के लिए न्यायालयीन लड़ाई और जनआंदोलन दोनों स्तरों पर संघर्ष करना है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितंबर 2025 को जारी आदेश, जिसमें टेट की अनिवार्यता को अनिवार्य बताया गया है, उसे न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। इसके साथ ही नवंबर माह में देश की राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश के सभी राज्यों से शिक्षक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस राष्ट्रीय बैठक में छत्तीसगढ़ से चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल में छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के अध्यक्ष मनीष कुमार मिश्रा, सर्व शिक्षक एलबी कल्याण समिति के महासचिव शेषनाथ पाण्डेय और प्रदेश संचालक रविंद्र राठौर शामिल थे। सभी ने आल इंडिया टीचर फेडरेशन के गठन का समर्थन करते हुए कहा कि यह संगठन शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक भूमिका निभाएगा और उनकी आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी ढंग से रखेगा।
बैठक में उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के शिक्षक संघों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।इस संबंध में जानकारी छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने दी।

