गर्मी की छुट्टियों का मौसम खत्म हो चुका है और दशहरा-दिवाली जैसे बड़े त्योहार भी अभी दूर हैं, फिर भी देशभर की दर्जनों प्रमुख ट्रेनें ‘रिग्रेट’ मोड में जा चुकी हैं। यानी अब यात्रियों को इन ट्रेनों में वेटिंग टिकट तक नहीं मिल रहा। हालात इतने खराब हैं कि कई यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ रही है, क्योंकि टिकट बुकिंग का कोई विकल्प ही शेष नहीं है।

इस भारी संकट के पीछे रेलवे का नया टिकट बुकिंग नियम जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसे 16 जून 2025 से लागू किया गया है।

क्या है रेलवे का नया नियम?

रेलवे बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब किसी भी ट्रेन की एक क्लास में अधिकतम 25 प्रतिशत तक ही वेटिंग टिकट जारी किए जाएंगे। उदाहरण के तौर पर अगर किसी थर्ड एसी कोच में 100 सीटें हैं, तो केवल 25 वेटिंग टिकट ही जारी होंगे। इससे ज़्यादा बुकिंग की अनुमति नहीं होगी। साथ ही, रेलवे ने न्यूनतम वेटिंग टिकट की सीमा भी तय की है, ताकि छोटी ट्रेनों में भी सीमित संख्या में वेटिंग टिकट जारी हो सके।

रेलवे का कहना है कि यह नियम बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और प्रतीक्षा सूची को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। लेकिन यात्रियों का कहना है कि यह व्यवस्था अचानक लागू कर दी गई, जिससे आम लोगों की यात्रा मुश्किल हो गई है।

कहाँ सबसे ज्यादा असर?

महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत से राजस्थान की ओर जाने वाली ट्रेनें — सभी रिग्रेट मोड में

  • 12955 मुंबई–जयपुर एक्सप्रेस
  • 12216 गरीब रथ
  • 14702 अरावली एक्सप्रेस
  • 16587 बीकानेर एक्सप्रेस
  • 14708 रणकपुर एक्सप्रेस
  • 22915 बांद्रा–हिसार सुपरफास्ट
  • 20496 जोधपुर सुपरफास्ट

दिल्ली जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनें — बुकिंग असंभव

  • 12471 स्वराज एक्सप्रेस
  • 12903 गोल्डन टेम्पल मेल
  • 12925 पश्चिम एक्सप्रेस
  • 22451 बांद्रा–चंडीगढ़ एक्सप्रेस
  • 19019 बांद्रा–हरिद्वार
  • 22543 बांद्रा–लालकुआं
  • 12449 गोवा संपर्क क्रांति

लखनऊ से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा करना भी अब आसान नहीं रह गया है। लखनऊ मेल, कैफियत एक्सप्रेस, सप्तक्रांति एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों में 5 जुलाई तक पूरी तरह रिग्रेट की स्थिति बनी हुई है।
सबसे खराब स्थिति थर्ड एसी इकोनॉमी, थर्ड एसी और सेकंड एसी कोचों की है, जिनमें लगातार 10–20 दिन तक बुकिंग नहीं हो पा रही।

लखनऊ से दिल्ली की रिग्रेट ट्रेनें:

  • 12229 लखनऊ मेल
  • 12225 कैफियत एक्सप्रेस
  • 12555 गोरखधाम एक्सप्रेस
  • 22419 सुहेलदेव सुपरफास्ट
  • 12557 सप्तक्रांति एक्सप्रेस
  • 14205 अयोध्या एक्सप्रेस
  • 12391 श्रमजीवी एक्सप्रेस
  • 12565 बिहार सप्तक्रांति
  • 12553 वैशाली एक्सप्रेस
  • 12523 न्यू जलपाईगुड़ी–नई दिल्ली एक्सप्रेस

यात्रियों का कहना है कि रेलवे का नया नियम उन यात्रियों के लिए ‘सजा’ बन गया है, जिन्हें आपात स्थिति में यात्रा करनी होती है।
कई लोगों को मजबूरी में यात्रा रद्द करनी पड़ी क्योंकि ना वेटिंग टिकट मिला, ना आरएसी।

यात्रियों की मांग है कि:

  • ट्रेनों में अस्थायी कोच बढ़ाए जाएं
  • सीटों की संख्या बढ़ाई जाए
  • इस नियम की पुनः समीक्षा की जाए, ताकि आम जनता को राहत मिले

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय सुव्यवस्थित बुकिंग और पारदर्शिता के लिए लिया गया है। वेटिंग टिकटों की सीमा तय कर देने से लोगों को अनिश्चितता से राहत मिलेगी और कोच क्षमता का बेहतर उपयोग हो सकेगा।

रेलवे की नई वेटिंग टिकट नीति ने आम यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जहां एक ओर यह प्रणाली पारदर्शिता और नियंत्रण की दिशा में उठाया गया कदम है, वहीं दूसरी ओर इससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं। अब सबकी निगाहें रेलवे की आगामी रणनीति और संभावित राहत योजनाओं पर टिकी हैं।

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