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रायपुर।
देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में आज से मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इनमें छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, राजस्थान, गुजरात, गोवा, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप और पुडुचेरी शामिल हैं।
चुनाव आयोग की इस कवायद के तहत कुल 51 करोड़ मतदाताओं की सूचियों का पुनरीक्षण किया जाएगा।
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7 फरवरी 2026 तक पूरी होगी प्रक्रिया
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार, यह प्रक्रिया 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ पूरी हो जाएगी।
चरणबद्ध तरीके से चलने वाली इस प्रक्रिया में 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बीएलओ (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं के विवरण की जांच करेंगे और आवश्यक सुधार के लिए फॉर्म भरवाएंगे। इस दौरान प्रत्येक बीएलओ तीन-तीन बार घरों का दौरा करेगा ताकि किसी भी मतदाता का नाम छूट न जाए।
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दावा-आपत्ति की प्रक्रिया
मतदाता सूची के मसौदा प्रकाशन के बाद 9 दिसंबर से 9 जनवरी तक दावा और आपत्तियां मंगाई जाएंगी।
इन दावों की सुनवाई 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक होगी। इसके बाद 7 फरवरी 2026 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ से अधिक मतदाता
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार से अधिक मतदाता दर्ज हैं। राज्य में 24,371 मतदान केंद्र और 33 जिलों में 467 एआरओ (ARO) और एईआरओ (AERO) कार्यरत हैं। इसके अलावा 38,338 राजनीतिक दलों के एजेंट इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।
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मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने बताया कि पिछले विशेष पुनरीक्षण (2003) के दौरान राज्य में लगभग 1 करोड़ 32 लाख मतदाता थे। वर्तमान सूची में इस संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि अब तक 71% मतदाताओं के नामों का मिलान 2003 और 2025 की सूचियों से मैन्युअल रूप से पूरा कर लिया गया है, और बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर किए जाने वाले सत्यापन से इसमें लगभग 25% और वृद्धि होने की संभावना है।
प्रारंभिक तैयारी पूरी
SIR प्रक्रिया के तहत आज से 3 नवंबर तक फॉर्म और आवश्यक दस्तावेजों की प्रिंटिंग की जाएगी। इसी अवधि में सभी विधानसभा क्षेत्रों के बीएलओ को प्रशिक्षण (Training) भी दिया जाएगा, जिसके बाद वे फील्ड में उतरेंगे।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि आयोग का लक्ष्य है कि हर पात्र मतदाता का नाम सूची में सुनिश्चित रूप से शामिल हो, और किसी भी प्रकार की त्रुटि या दोहराव न रहे।

