बांग्लादेश में आज का दिन बेहद संवेदनशील माना जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मानवता विरोधी अपराधों के मामले में इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल आज फैसला सुनाने वाला है, और इसके पहले ही पूरे देश में हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल चरम पर पहुंच गई है। राजधानी ढाका के साथ कई जिलों में आगजनी, धमाके, हिंसक झड़पें और सड़क जाम की घटनाओं ने हालात को बेहद तनावपूर्ण बना दिया है।
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रविवार देर शाम से ही असंतोष खुलकर सड़कों पर दिखने लगा। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी, कॉकटेल बम फोड़े और हाईवे पर पथराव कर आवागमन रोक दिया। कई जगहों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को भी पीछे हटना पड़ा। हालात पर नियंत्रण के लिए सरकार ने पुलिस के साथ सेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को भी तैनात कर दिया है। बीजीबी हाईवे खाली कराने और संवेदनशील इलाकों में स्थिति नियंत्रित करने में जुटी है।
किस मामले में आ रहा है फैसला?
यह मामला जुलाई–अगस्त 2024 में हुए छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के दौरान कथित मानवता विरोधी अपराधों से जुड़ा है। शेख हसीना ने इन आरोपों को बार-बार खारिज किया है। उनकी पार्टी अवामी लीग ने फैसले के विरोध में रविवार से दो दिन का देशव्यापी बंद घोषित किया है, जिसके चलते ढाका में सड़कें लगभग खाली रहीं और कई इलाकों में धमाकों जैसी आवाजें सुनाई दीं।
व्यापार जगत में चिंता बढ़ी
लगातार बढ़ रहे तनाव को देखते हुए उद्योग जगत ने गहरी चिंता जताई है। बीजीएमईए के पूर्व अध्यक्ष क्वाजी मोनिरुज्जमान ने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता से सामाजिक व्यवस्था, व्यापार और कानून व्यवस्था सभी प्रभावित हो रहे हैं। उनका कहना है कि यदि इस उथल-पुथल पर जल्द नियंत्रण नहीं हुआ तो बांग्लादेश का परिधान उद्योग, जो देश की विदेशी मुद्रा आय की रीढ़ है, गंभीर संकट में आ सकता है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अस्थिर माहौल से विदेशी खरीदार दूरी बना सकते हैं और लाखों कर्मचारियों, विशेषकर महिलाओं, की आजीविका पर खतरा मंडरा सकता है।
अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध और नई राजनीतिक जमीन
जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार गिर चुकी है और वह 5 अगस्त को भारत चली गई थीं। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी, जिसने अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि पार्टी सोशल मीडिया पर सक्रिय है और अपने समर्थकों को फैसले के विरोध में लामबंद कर रही है।
आज आने वाला फैसला न केवल बांग्लादेश की राजनीति बल्कि देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिरता पर भी बड़ा प्रभाव डाल सकता है। पूरे देश की निगाहें ढाका में होने वाली कार्यवाही पर टिकी हैं।

