आज मनाया जा रहा है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, मौलाना आजाद का विजन आज भी प्रेरणास्रोत
देश में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है। यानी आज का दिन! यह दिन स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मौलाना आजाद के विचार और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान ने ही भारतीय एजुकेशन सिस्टम की मजबूत नींव रखी थी। उनका विश्वास था कि शिक्षा ही सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्रीय विकास का सबसे बड़ा साधन है। इसीलिए, आज 11 नवंबर को देश भर के एकेडमिक इंस्टिट्यूट्स में सेमिनार, कार्यशालाओं और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है ताकि साक्षरता के महत्व पर जोर दिया जा सके।
मौलाना अबुल कलाम आजाद: स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी नेता
मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को मक्का में हुआ था और बाद में उनका परिवार कलकत्ता (अब कोलकाता) में बस गया। वह न केवल एक प्रख्यात विद्वान थे, बल्कि एक सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उन्होंने 1912 में उर्दू साप्ताहिक अल-हिलाल की स्थापना की थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में उनकी सक्रिय भूमिका रही और वह 1923 में कांग्रेस के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने थे।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (जो अब शिक्षा मंत्रालय है) ने सितंबर 2008 में आधिकारिक तौर पर उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी, ताकि देश में शिक्षा के प्रति उनके अतुलनीय योगदान को याद किया जा सके। आज का दिन हमें उनकी विरासत का जश्न मनाने का मौका देता है।
IIT और UGC जैसे संस्थानों के संस्थापक
आज़ादी के बाद, मौलाना आज़ाद को स्वतंत्र भारत का पहला शिक्षा मंत्री नियुक्त किया गया। उनके कार्यकाल को भारतीय शिक्षा के इतिहास में स्वर्ण युग माना जाता है। उनका सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी और वैज्ञानिक शिक्षा के महत्व को समझा।
शिक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने देश के कई प्रमुख संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:
- यूजीसी ग्रांट कमीशन (UGC): उच्च शिक्षा के मानकों को बनाए रखने के लिए।
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलाॅजी (IIT): देश में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए।
- बैंगलोर स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc): रिसर्च और साइंस को आगे बढ़ाने के लिए।
उन्होंने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) को भी मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिक्षा के प्रति उनके समर्पण के लिए, उन्हें 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न (भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान) से सम्मानित किया गया था।
आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2025 हमें मौलाना अबुल कलाम आजाद के शिक्षा के विजन को याद करने का अवसर देता है। उनके योगदान के कारण ही आज देश में IIT और UGC जैसे विश्वस्तरीय संस्थान मौजूद हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि अच्छी शिक्षा ही सशक्त राष्ट्र की कुंजी है। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।



