नई दिल्ली। इंटरनेट की दुनिया में जापान ने एक नया इतिहास रच दिया है। जापान के वैज्ञानिकों ने 1.02 मिलियन गीगाबाइट्स (या 1.02 पेटाबाइट्स) प्रति सेकंड की इंटरनेट स्पीड हासिल कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह स्पीड इतनी तेज है कि नेटफ्लिक्स जैसी ओटीटी प्लेटफॉर्म की पूरी लाइब्रेरी को महज एक सेकंड में डाउनलोड किया जा सकता है।
यह ऐतिहासिक उपलब्धि जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी (NICT) के वैज्ञानिकों ने हासिल की है। उन्होंने उन्नत ऑप्टिकल फाइबर टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक सिग्नल प्रोसेसिंग की मदद से यह स्पीड हासिल की।
रिपोर्ट के अनुसार, यह गति अमेरिका की औसत इंटरनेट स्पीड से 3.5 गुना और भारत की औसत स्पीड (63.55 Mbps) से 1.6 करोड़ गुना अधिक तेज है। इस स्पीड से एक सेकंड में 10,000 से अधिक 4K फिल्में डाउनलोड की जा सकती हैं।
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इंटरनेट और तकनीक के क्षेत्र में नई क्रांति
इस ऐतिहासिक गति को केवल डाउनलोड स्पीड तक सीमित नहीं देखा जा रहा है, बल्कि यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), स्मार्ट सिटी, मेडिकल टेली-सर्जरी, रियल टाइम डेटा ट्रांसफर और अंतरिक्ष संचार जैसे क्षेत्रों में एक नई क्रांति ला सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस गति से अस्पताल रियल टाइम में बड़ी मात्रा में मेडिकल डेटा साझा कर पाएंगे। साथ ही, स्मार्ट शहरों में ट्रैफिक कंट्रोल, ऊर्जा प्रबंधन और सुरक्षा प्रणाली पहले से कहीं अधिक स्मार्ट और कुशल हो सकेगी।
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घरेलू कनेक्शन से 1 लाख गुना तेज
जापान की इस नई इंटरनेट तकनीक की गति दुनिया में मौजूदा औसत घरेलू कनेक्शन से 1 लाख गुना तेज है। इसकी मदद से 150 GB जैसे भारी भरकम वीडियो गेम कुछ ही सेकंड में डाउनलोड हो सकेंगे।
चुनौतियां भी कम नहीं
हालांकि, इस तकनीक को आम जनता तक पहुंचाने के लिए भारी निवेश और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क संरचना को पूरी तरह से बदलने की जरूरत होगी। मौजूदा इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर को मल्टी-कोर फाइबर, हाई-बैंडविड्थ राउटर्स और सर्वर अपग्रेड की आवश्यकता होगी।
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भारत में इंटरनेट उपयोग के आँकड़े
भारत में तेजी से डिजिटल विस्तार के बावजूद चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। NSO की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग की 76.3% महिलाएं मोबाइल फोन का उपयोग करती हैं, लेकिन 48.4% के पास खुद का फोन नहीं है।
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जापान की तकनीकी बढ़त
यह भी उल्लेखनीय है कि मई 2025 में जापान ने दुनिया की पहली 6G डिवाइस विकसित करने का दावा किया था, जिसकी स्पीड 100 Gbps से अधिक बताई गई थी। यह 5G की तुलना में 20 गुना अधिक तेज बताई गई है।
इस उपलब्धि ने दुनिया को दिखा दिया है कि भविष्य का इंटरनेट केवल तेज नहीं, बल्कि अनंत संभावनाओं से भरा होगा।