जशपुर:
जशपुर राजपरिवार की गौरवशाली धार्मिक परंपराओं का अनुपम उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला जब युवराज यशप्रताप जूदेव ने कस्तूरा में आयोजित भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में सेवक बनकर सहभागिता निभाई। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसमें राजपरिवार के सदस्य भगवान की सेवा को अपना सौभाग्य मानते हैं।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कस्तूरा में रथयात्रा का आयोजन श्रद्धा, उत्साह और भक्ति के साथ संपन्न हुआ। दूर-दूर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने इस आध्यात्मिक आयोजन में भाग लिया। धार्मिक मंत्रोच्चार, ढोल-नगाड़ों की गूंज और भजन-कीर्तन से पूरा क्षेत्र भक्ति में लीन हो गया।
युवराज यशप्रताप जूदेव ने भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की विधिवत सेवा कर न केवल अपनी पारिवारिक परंपरा को निभाया, बल्कि युवाओं के लिए यह संदेश भी दिया कि धर्म, आस्था और सेवा ही हमारी संस्कृति की आत्मा है। उनके इस सरल और विनम्र सेवा भाव ने श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया।
युवराज की भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि जशपुर की रियासती परंपराएं केवल इतिहास नहीं, बल्कि वर्तमान में भी जीवंत हैं। इस रथयात्रा ने राजनीति से परे जाकर सेवा, संस्कार और संस्कृति की मिसाल प्रस्तुत की, जिसे श्रद्धालु लंबे समय तक स्मरण में रखेंगे।