अंबिकापुर, 5 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ राज्य के गौरव, परंपरा और प्रगति की 25 वर्षीय सुनहरी यात्रा का गवाह बना राज्योत्सव 2025, जिसका समापन बुधवार की रात रंग, संगीत और लोकधुनों के संग भव्य अंदाज में हुआ। तीन दिवसीय रजत महोत्सव के दौरान अंबिकापुर शहर उत्सव, उमंग और लोकसंस्कृति के रंगों से सराबोर रहा।
समापन समारोह का आयोजन शहर के कला केंद्र में किया गया, जहां जनसमूह की भारी भीड़ ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निरूपा सिंह, महापौर श्रीमती मंजूषा भगत, सभापति श्री हरविंदर सिंह टिन्नी, कलेक्टर श्री विलास भोसकर, एसएसपी श्री राजेश अग्रवाल, सीईओ जिला पंचायत श्री विनय कुमार अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री सुनील नायक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अमोलक सिंह ढिल्लों, एसडीएम श्री फागेश सिंहा समेत अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं का अनूठा संगम मंच पर दिखाई दिया। करमा, सरहुल, सैला और सुआ जैसे पारंपरिक लोकनृत्य एवं गीतों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समापन समारोह की विशेष आकर्षण बने सरगुजा के सुप्रसिद्ध लोकगायक श्री संजय सुरीला, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज़ में “हाय रे सरगुजा नाचे” गीत प्रस्तुत कर समूचे परिसर को थिरकने पर मजबूर कर दिया। मांदर की थाप और लोकसंगीत की लय पर महापौर, जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी खुद को रोक नहीं पाए और सुर-ताल में झूम उठे। पूरे परिसर में तालियों की गड़गड़ाहट और जयघोष गूंज उठा।
राज्योत्सव के दौरान तीन दिनों तक हस्तशिल्प प्रदर्शनी, स्थानीय व्यंजन मेला, विभिन्न विभागों और स्वसहायता समूहों के स्टॉल तथा विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन हुआ। हर आयोजन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला, संस्कृति और परंपरा की झलक दिखाई दी।
समापन अवसर पर महापौर श्रीमती मंजूषा भगत ने कहा— “राज्योत्सव केवल उत्सव नहीं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की आत्मा और पहचान का प्रतीक है। यह हमारी संस्कृति, एकता और विकास यात्रा का उत्सव है। छत्तीसगढ़ ने 25 वर्षों में जो प्रगति की है, वह हर नागरिक के परिश्रम और समर्पण का परिणाम है।”
कार्यक्रम का समापन “छत्तीसगढ़ महतारी” की जयघोष और आकर्षक आतिशबाजी के साथ हुआ। पूरा समारोह छत्तीसगढ़ की संस्कृति, समृद्धि और एकता का जीवंत प्रतीक बन गया।
रंग, रोशनी और लोकधुनों से सजा अंबिकापुर — राज्योत्सव 2025 की यादें शहरवासियों के दिलों में लंबे समय तक गूंजती रहेंगी।

