नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में पचास आधार अंकों की कटौती के बाद देश के प्रमुख बैंकों ने भी ब्याज दरों में राहत देना शुरू कर दिया है इससे आम लोगों की जेब पर बोझ कम होने की उम्मीद जगी है क्योंकि होम ऑटो और पर्सनल लोन की मासिक किस्त घटेगी
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने रेपो रेट से जुड़े कर्ज पर ब्याज दर में पचास आधार अंकों की कटौती की है इस कटौती के बाद बैंक की रेपो आधारित ब्याज दर घटकर आठ दशमलव एक पांच प्रतिशत हो गई है यह फैसला सात जून से प्रभावी हो गया है बैंक ने यह कदम उठाकर ग्राहकों को आरबीआई की नीति का पूरा लाभ पहुंचाने की कोशिश की है
प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी बैंक ने भी मार्जिनल कास्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट में दस आधार अंकों की कटौती की है एक महीने के कर्ज पर ब्याज दर घटकर आठ दशमलव नौ प्रतिशत तीन महीने पर आठ दशमलव नौ पांच प्रतिशत छह महीने और एक वर्ष पर नौ दशमलव शून्य पांच प्रतिशत तथा दो और तीन साल के कर्ज पर ब्याज दर नौ दशमलव एक शून्य प्रतिशत हो गई है
पंजाब नेशनल बैंक ने अपने रेपो आधारित लोन पर ब्याज दर आठ दशमलव आठ पांच प्रतिशत से घटाकर आठ दशमलव तीन पांच प्रतिशत कर दी है हालांकि बैंक ने बेस रेट और मार्जिनल कास्ट ऑफ लेंडिंग रेट को यथावत रखा है
यूको बैंक ने सभी अवधि के कर्ज पर मार्जिनल कास्ट ऑफ लेंडिंग रेट में दस आधार अंकों की कटौती की है एक महीने की एमसीएलआर घटकर आठ दशमलव तीन पांच प्रतिशत तीन महीने पर आठ दशमलव पांच प्रतिशत छह महीने और एक वर्ष पर आठ दशमलव आठ प्रतिशत और नौ प्रतिशत तय की गई है
बैंक ऑफ इंडिया पहले ही अपने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट को आठ दशमलव आठ पांच प्रतिशत से घटाकर आठ दशमलव तीन पांच प्रतिशत कर चुका है पंजाब नेशनल बैंक बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक की नई दरें दस जून से लागू होंगी
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह रेपो रेट को पचास आधार अंक घटाकर पांच दशमलव पांच प्रतिशत कर दिया था वर्ष दो हजार पच्चीस में अब तक तीन बार रेपो रेट में कुल सौ आधार अंकों यानी एक प्रतिशत की कटौती हो चुकी है इसके साथ ही आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात में भी एक प्रतिशत की कटौती की है जिससे बैंकों के पास नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी
इन सभी कटौतियों का सीधा असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा और होम ऑटो एजुकेशन तथा पर्सनल लोन की ईएमआई में कमी आएगी जो लोग नया लोन लेने की योजना बना रहे हैं उनके लिए यह समय लाभकारी हो सकता है क्योंकि ब्याज दरें फिलहाल निचले स्तर पर हैं
इन फैसलों से बाजार में मांग बढ़ने की संभावना है जिससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिल सकती है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है