नई दिल्ली. जुलाई महीने की पहली तारीख देशभर में कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई है जो आम लोगों की दिनचर्या और खर्चों पर सीधा असर डालेंगे। रेलवे टिकट की दरें बढ़ गई हैं, एटीएम और क्रेडिट कार्ड से जुड़े शुल्क में परिवर्तन हुआ है, वहीं कुछ क्षेत्रों में राहत भी दी गई है जैसे कि आयकर रिटर्न भरने की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है। आज से लागू हुए ये सभी नियम हर वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित करेंगे। ऐसे में आवश्यक है कि लोग इन बदलावों को समझें और इसके अनुसार अपनी वित्तीय योजनाएं तैयार करें।
रेल यात्रा करने वालों के लिए यह खबर खास मायने रखती है क्योंकि अब लंबी दूरी की यात्रा पहले से महंगी हो गई है। रेलवे ने एक हजार किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाले यात्रियों के लिए टिकट की दरों में वृद्धि की है। नॉन एसी श्रेणी में एक पैसे प्रति किलोमीटर और एसी क्लास में दो पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी लागू की गई है। दूसरी ओर सामान्य द्वितीय श्रेणी में यदि यात्रा पांच सौ किलोमीटर से अधिक की होगी तो प्रति किलोमीटर आधा पैसा अधिक देना होगा। यह व्यवस्था आज से प्रभावी हो गई है।
आईआरसीटीसी से तत्काल टिकट बुक करने की प्रक्रिया भी अब सख्त कर दी गई है। केवल वे यात्री ही तत्काल टिकट ले सकेंगे जिनका अकाउंट आधार कार्ड से जुड़ा होगा और जिनके पास आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त करने की सुविधा होगी। इसके साथ ही रेलवे एजेंट अब तत्काल बुकिंग शुरू होने के पहले तीस मिनट तक टिकट नहीं बुक कर सकेंगे।
पैन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में भी आधार अनिवार्य कर दिया गया है। अब कोई भी नया पैन कार्ड केवल आधार कार्ड के आधार पर ही जारी होगा। जिन लोगों के पास पहले से पैन कार्ड है उन्हें भी आगामी इकतीस दिसंबर तक उसे आधार से लिंक कराना होगा। ऐसा न करने पर एक जनवरी दो हजार छब्बीस से उनका पैन निष्क्रिय माना जाएगा।
देशभर में जीएसटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया गया है। अब जीएसटीआर थ्री बी फॉर्म में कोई भी करदाता स्वयं संशोधन नहीं कर सकेगा। फॉर्म में कर का विवरण जीएसटीआर एक और एक ए से स्वतः भर जाएगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य कर प्रणाली में पारदर्शिता लाना और गलतियों की गुंजाइश को कम करना है।
बैंकिंग क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव किया गया है। कोटक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस जैसे प्रमुख बैंकों ने बचत खाते की ब्याज दरें घटा दी हैं। एटीएम से निर्धारित संख्या से अधिक बार निकासी करने पर अब पहले से अधिक शुल्क लगेगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड से लेनदेन करने पर भी विभिन्न शुल्कों में वृद्धि की गई है। ऑनलाइन गेमिंग पर दस हजार रुपये से अधिक खर्च करने पर एक प्रतिशत शुल्क देना होगा। पेटीएम जैसे वॉलेट में भी दस हजार रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर करने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान अब केवल भारत बिल पेमेंट सिस्टम यानी बीबीपीएस के माध्यम से ही किया जा सकेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह व्यवस्था अनिवार्य कर दी है। इससे पहले लोग क्रेड, फोनपे और बिलडेस्क जैसे प्लेटफॉर्म से भी बिल का भुगतान कर पाते थे परंतु अब इन विकल्पों पर प्रभाव पड़ेगा। वर्तमान में केवल आठ बैंकों ने इस नई प्रणाली को अपनाया है।
सरकार ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में भी बदलाव किया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती के कारण ब्याज दरों में कमी की संभावना थी और अब यह बदलाव एक जुलाई से तैंतीस सितंबर तक प्रभावी रहेगा। जिन लोगों ने पोस्ट ऑफिस या अन्य लघु बचत योजनाओं में निवेश किया है उन्हें अब पहले से कम ब्याज मिल सकता है।
करदाताओं को राहत देते हुए आयकर विभाग ने रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को इकतीस जुलाई से बढ़ाकर पंद्रह सितंबर कर दिया है। खास तौर पर वेतनभोगी करदाताओं को अब अतिरिक्त समय मिल गया है जिससे वे बिना जल्दबाजी के सही ढंग से रिटर्न भर सकें। हालांकि विशेषज्ञों की राय है कि अंतिम समय तक इंतजार करने की बजाय जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर लेनी चाहिए।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पुराने वाहनों पर सख्ती बढ़ा दी गई है। आज से दिल्ली एनसीआर में पंद्रह वर्ष पुराने पेट्रोल वाहन और दस वर्ष पुराने डीजल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। यदि ऐसा कोई वाहन सार्वजनिक स्थल पर पाया गया तो उसे जब्त कर सीधे स्क्रैप यार्ड भेजा जाएगा। इसके साथ ही चार पहिया वाहनों पर दस हजार रुपये और दोपहिया पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में भी आज से बदलाव हुआ है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने उन्नीस किलोग्राम वाले कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमत में अठावन रुपये पचास पैसे की कटौती की है। दिल्ली में अब इसकी खुदरा कीमत एक हजार छह सौ पैंसठ रुपये हो गई है। हालांकि चौदह किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
देश की अर्थव्यवस्था और आमजन की जेब को प्रभावित करने वाले ये तमाम बदलाव आज एक जुलाई से लागू हो चुके हैं। ऐसे में नागरिकों के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वे समय पर इनका संज्ञान लें और अपने वित्तीय एवं दैनिक जीवन को इन परिवर्तनों के अनुरूप ढालें।