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छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने निजी और शासकीय स्कूलों में चल रही 9वीं से 12वीं तक की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मंडल ने स्पष्ट किया है कि प्रवेश नीति के विरुद्ध या अपात्र विद्यार्थियों को 10वीं और 12वीं में प्रवेश देने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निजी स्कूलों द्वारा नियमों के विरुद्ध प्रवेश दिए जाने पर छात्रों का प्रवेश रद्द किया जाएगा, और संस्था की मान्यता समाप्ति के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। वहीं शासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। माशिमं ने यह भी कहा है कि इस पूरी प्रक्रिया की पूर्ण जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी।
प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह स्कूल स्तर पर होगी, मंडल दफ्तर नहीं भेजे जाएंगे पालक
बोर्ड ने यह साफ किया है कि किसी भी विद्यार्थी या पालक को प्रवेश के लिए मंडल कार्यालय भेजने की आवश्यकता नहीं है। सभी प्रवेश संबंधित कार्य संस्था स्तर पर ही संपन्न किए जाएंगे। केवल 10वीं और 12वीं में स्थानांतरण के प्रकरणों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में स्कूल 10% अतिरिक्त प्रवेश दे सकते हैं।
उदाहरण स्वरूप, यदि किसी स्कूल में 9वीं में उत्तीर्ण 30 छात्र, 10वीं में अनुत्तीर्ण 15 छात्र और श्रेणी सुधार के 5 छात्र हैं, तो कुल 50 छात्रों का आधार लेकर अधिकतम 5 छात्रों तक अतिरिक्त प्रवेश बिना अनुमति के दिया जा सकता है।
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10% से अधिक अतिरिक्त प्रवेश के लिए जरूरी होंगी सुविधाएं
अगर कोई संस्था 10% से अधिक अतिरिक्त छात्रों का प्रवेश लेना चाहती है, तो उसे भवन विस्तार, शिक्षक, स्टाफ, फर्नीचर आदि की उचित व्यवस्था करके, स्कूल भवन का नक्शा एवं फोटो अनुविभागीय अधिकारी से प्रमाणित कराकर मंडल को भेजना होगा। केवल असाधारण परिस्थिति में जांच के बाद ही अधिक प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दो टूक कहा है कि नियमों के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसलिए सभी प्राचार्य एवं संस्था प्रमुख सावधानीपूर्वक प्रवेश प्रक्रिया संचालित करें। विशेष रूप से 10वीं और 12वीं जैसी बोर्ड कक्षाओं में प्रवेश देते समय गाइडलाइन का कड़ाई से पालन आवश्यक है।