नई दिल्ली।
देश के अधिकांश हिस्से इस समय मूसलाधार बारिश की चपेट में हैं। उत्तर भारत से लेकर पहाड़ी राज्यों तक बाढ़ और भूस्खलन ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भूस्खलन से कई सड़कें बंद हो गईं और दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। सेना और एनडीआरएफ राहत-बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
दिल्ली में 400+ उड़ानें रद्द, यमुना का जलस्तर बढ़ा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हालात बिगड़ गए हैं। भारी बारिश और यमुना नदी के उफान से निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। बुधवार दोपहर पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 207 मीटर तक पहुंच गया। हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मजनू का टीला, यमुना बाजार, मदनपुर खादर और बदरपुर जैसे इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। अब तक 7,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 25 राहत शिविरों में रखा गया है। एयरपोर्ट से 400 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
हिमाचल-उत्तराखंड में तबाही
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बारिश से बुधवार तक छह लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लापता हैं और 21 घायल हुए हैं। रामपुर में चलती बस पर चट्टान गिरने से दो लोगों की मौत हुई। मंडी और कुल्लू जिलों में भी जनहानि हुई है। 1,100 से ज्यादा सड़कें बंद हैं और हजारों ट्रांसफार्मर व पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। राज्य में 7 सितंबर तक स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे।
उत्तराखंड में भी लगातार बारिश और भूस्खलन से हालात बिगड़े हैं। कई सड़कें अवरुद्ध हो चुकी हैं और राहत कार्य जारी है।
पंजाब आपदाग्रस्त घोषित
पंजाब सरकार ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। 23 जिलों के 1,200 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। 3.75 लाख एकड़ कृषि भूमि, खासकर धान के खेत, पानी में डूब गए हैं। सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और स्कूल-कॉलेजों की छुट्टियां 7 सितंबर तक बढ़ा दी गई हैं। बाढ़ से कई लोगों की मौत भी हुई है।
देशभर में नदियां उफान पर
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के मुताबिक, देशभर में 21 जगहों पर बाढ़ की स्थिति गंभीर है, जबकि 33 जगहों पर नदियों का जलस्तर सामान्य से ऊपर है। आने वाले दिनों में कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
अगले तीन दिन मुश्किल
मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, यूपी समेत आठ राज्यों में अगले दो-तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इससे बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति और बिगड़ सकती है।