रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में धरना-प्रदर्शन, रैली और जनसभाओं को लेकर नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब कोई भी व्यक्ति या संगठन बिना अनुमति के कहीं भी धरना, प्रदर्शन या रैली आयोजित नहीं कर सकेगा। इस संबंध में शासन ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
नियमों के मुताबिक, एक समय में अधिकतम 500 से ज्यादा व्यक्तियों की भीड़ या 5 हजार वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल वाले किसी आयोजन के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यानी बड़े पैमाने पर किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम, विरोध प्रदर्शन या सभा के लिए प्रशासन से लिखित अनुमति आवश्यक होगी।
सरकार का मानना है कि इस कदम से अव्यवस्थित भीड़ और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं पर नियंत्रण पाया जा सकेगा, साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने में भी आसानी होगी।
इस नए नियम को लागू करने के लिए प्रदेश के सभी नगर निगम आयुक्त, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे आयोजनों पर कड़ी निगरानी रखें और बिना अनुमति के किसी भी सभा, जुलूस या रैली की अनुमति न दें।
सरकार का यह कदम राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और अन्य समूहों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अब उन्हें किसी भी तरह के आंदोलन या कार्यक्रम से पहले अनुमति की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
कुल मिलाकर अब छत्तीसगढ़ में धरना-प्रदर्शन और रैली जैसे आयोजन केवल प्रशासनिक अनुमति के बाद ही संभव हो सकेंगे।