राजनांदगांव/छुरिया।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रशांत चिवर्तकर पर रिश्वतखोरी, शिक्षकों को प्रताड़ित करने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले को लेकर जागरूक शिक्षक संघ ने केंद्र और राज्य सरकार के उच्च पदाधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राज्य के शिक्षामंत्री देवेंद्र यादव और सांसद संतोष पांडे के नाम ज्ञापन तहसीलदार छुरिया को सौंपा।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू और पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि वर्ष 2022 से पदस्थ बीईओ प्रशांत चिवर्तकर शिक्षकों से मेडिकल और अर्जित अवकाश स्वीकृत करने, लंबित एरियर्स निकालने और अन्य कार्यों के लिए तय दर पर रिश्वत वसूलता है। रिश्वत न देने वाले शिक्षकों के कार्य अटका दिए जाते हैं, जबकि विरोध करने वाले संगठन पदाधिकारियों को बीईओ उनके विद्यालयों में जाकर नोटिस थमा देता है और निलंबन या बर्खास्तगी की धमकी देता है।
संगठन का आरोप है कि बीईओ ने विकासखंड के एक शिक्षक लोकेश साहू को अपना बिजनेस पार्टनर बना लिया है। लोकेश साहू नियमित रूप से स्कूल नहीं जाता और बीईओ से मिलीभगत कर फर्जी हस्ताक्षरों के आधार पर वेतन निकालता है। दोनों मिलकर शिक्षा विभाग को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं। यही नहीं, महिला शिक्षकों को बीईओ द्वारा आपत्तिजनक बातें कहने और व्यक्तिगत स्तर पर अनुचित संबंध बनाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि बीईओ अपने खास शिक्षकों के बारकोड और परिजनों के खातों में रिश्वत की राशि डलवाता है, जिससे कोई प्रत्यक्ष सबूत न मिले। संगठन ने मांग की है कि आरोपी बीईओ और शिक्षक लोकेश साहू का नार्को टेस्ट, बैंक खातों की जांच और मोबाइल कॉल डिटेल खंगाली जाए।
शिक्षक संघ का कहना है कि आरोपी अधिकारियों की राजनीतिक पकड़ इतनी मजबूत है कि अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई। यदि शासन-प्रशासन ने तुरंत इन पर निलंबन कर एफआईआर दर्ज नहीं की, तो संगठन जिलेभर के स्कूलों में तालेबंदी, चक्का जाम और अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेगा। इसकी औपचारिक सूचना भी प्रशासन को दी जाएगी।




