AI का दौर तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसके साथ ही एक डर भी—क्या कई नौकरियां खत्म होने वाली हैं? Google के CEO सुंदर पिचाई का बयान कि “एक दिन AI, CEO की भूमिका तक संभाल सकता है”, इस बदलाव की गंभीरता दिखाता है। वहीं NVIDIA के CEO जेनसन हुआंग का दावा है कि अगले पांच साल में AI उतने करोड़पति बनाएगा, जितने इंटरनेट ने 20 साल में नहीं बनाए। इसका मतलब साफ है—कई नौकरियां खत्म होंगी, कई बदलेंगी और नई स्किल्ड जॉब्स उभरेंगी। भारत में खासकर BPO, डेटा एंट्री, फाइनेंस, HR और कंटेंट इंडस्ट्री पर इसका सबसे बड़ा प्रभाव देखा जा रहा है।
डेटा एंट्री, बैक-ऑफिस और BPO: सबसे पहले खतरे में ये सेक्टर
AI सबसे पहले उन्हीं नौकरियों को प्रभावित कर रहा है जो रिपिटेटिव और नियम आधारित हैं। डेटा एंट्री, डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग और बैक-ऑफिस जॉब्स अब RPA बॉट्स और ऑटोमेशन टूल्स से तेजी से रिप्लेस हो रही हैं।
Nasscom की रिपोर्ट के अनुसार, 2028 तक 10 लाख से ज्यादा लो-लेवल BPO जॉब्स खत्म हो सकती हैं।
ग्राहक सपोर्ट भी अब AI वॉयस बॉट और चैटबॉट के भरोसे चल रहा है। नाइट शिफ्ट कॉल सेंटर जहां पहले हजारों लोग काम करते थे, वहां अब मशीनें ग्राहक संभाल रही हैं।
कोडिंग, HR और ऑफिस एडमिन: AI बदल रहा पूरी कार्यप्रणाली
GitHub Copilot और ChatGPT जैसे टूल्स बेसिक कोडिंग को बेहद आसान बना रहे हैं। Infosys, TCS और Wipro पहले ही AI को कोडिंग में शामिल कर चुके हैं। WEF के मुताबिक 40% कोड अब AI लिख सकता है।
Microsoft Copilot और Google Gemini की वजह से HR, शेड्यूलिंग, ईमेल मैनेजमेंट और एडमिन जॉब्स में भी भारी कटौती हो रही है। 2026 तक लगभग 45% एडमिन कार्य ऑटोमेट हो सकते हैं।
फाइनेंस, कानून और कंटेंट इंडस्ट्री में भी तेजी से गिरावट
Tally AI और QuickBooks जैसे प्लेटफॉर्म फाइनेंस डॉक्यूमेंटेशन, टैक्सेशन और पेरोल को अपने आप प्रोसेस कर रहे हैं। EY के मुताबिक 60% फाइनेंस डॉक्यूमेंटेशन ऑटोमेट हो चुका है।
वहीं LPO सेक्टर में AI आधारित टूल्स केस-लॉ, डॉक्यूमेंट ड्राफ्टिंग और लीगल रिसर्च सेकंडों में पूरा कर रहे हैं। LegalTech की रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक 40% पैरालीगल जॉब्स खत्म हो सकती हैं।
कंटेंट री-राइटिंग इंडस्ट्री भी AI के कारण तेजी से गिर रही है—लो-स्किल कंटेंट प्रोजेक्ट्स में 35% गिरावट।
AI का दौर अवसर भी लाता है और खतरा भी। जो लोग AI के साथ काम करना सीखेंगे, वे आगे बढ़ेंगे, लेकिन जो सिर्फ रूटीन काम पर निर्भर हैं, उनकी नौकरियां सबसे पहले खतरे में हैं। बदलाव शुरू हो चुका है—अब स्किल्स को अपडेट करना ही एकमात्र तरीका है।
क्या आप इस फैसले से सहमत हैं? कमेंट करें और शेयर करें। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

