पटना/नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। 
भूपेश बघेल को राजनीति का अनुभवी रणनीतिकार माना जाता है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता दिलाने और लंबे समय तक संगठन को मजबूत बनाए रखने में उनकी भूमिका अहम रही है। अब कांग्रेस को उम्मीद है कि बिहार जैसे चुनौतीपूर्ण राज्य में उनकी रणनीति और सांगठनिक अनुभव पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में मददगार साबित होगा।
कांग्रेस इन दिनों बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिशों में जुटी है। हाल ही में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाली थी, जिसे लेकर पूरे प्रदेश में खासा उत्साह देखा गया। इस यात्रा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ महागठबंधन के अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए और जगह-जगह लोगों की बड़ी भीड़ उमड़ी। यात्रा के जरिए पार्टी ने लोकतांत्रिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और युवाओं के मुद्दों को सामने लाकर अपने अभियान की शुरुआत की है।
अब जब बिहार में चुनावी बिसात बिछ रही है, कांग्रेस इस मौके को गंवाना नहीं चाहती। पार्टी भले ही राज्य में पिछले कुछ समय से संघर्ष कर रही हो, लेकिन राहुल गांधी की यात्राओं और भूपेश बघेल जैसे नेताओं की सक्रिय भागीदारी से संगठन को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।भूपेश बघेल की नियुक्ति को पार्टी नेतृत्व की गंभीरता के रूप में देखा जा रहा है। वे न सिर्फ संगठनात्मक मजबूती पर फोकस करेंगे, बल्कि सीटों पर समन्वय, महागठबंधन के भीतर तालमेल और जमीनी मुद्दों पर केंद्रित अभियान की रणनीति को भी दिशा देंगे।
बिहार कांग्रेस के नेताओं ने भी इस नियुक्ति का स्वागत किया है। उनका मानना है कि भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में पार्टी को न सिर्फ संगठित होने का मौका मिलेगा, बल्कि महागठबंधन के भीतर भी पार्टी की भूमिका और मजबूत होगी।भूपेश बघेल की सक्रियता आने वाले दिनों में बिहार की सियासी हवा का रुख तय करने में कितनी असरदार होगी, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस अब पूरी गंभीरता से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है।

