नई दिल्ली //–
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा कर दी। इस बार राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान कराया जाएगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
निर्वाचन आयोग ने बताया कि इस बार तीन के बजाय दो चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। यह फैसला प्रवासी बिहारियों की छठ पूजा के बाद वापसी को ध्यान में रखकर किया गया है, ताकि मतदाता अधिक संख्या में मतदान में हिस्सा ले सकें। पहले चरण में उत्तरी और मध्य जिलों को शामिल किया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार में इस बार चुनाव पूरी तरह नई व्यवस्थाओं के तहत होंगे। आयोग ने 17 नई पहल लागू करने की घोषणा की है, जिनमें मतदान प्रक्रिया से पहले, दौरान और बाद की व्यवस्थाएँ शामिल हैं। सबसे अहम बदलाव यह है कि पहली बार राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
सीईसी ने बताया कि “विशेष गहन पुनरीक्षण” (SIR) के बाद बिहार की मतदाता सूची को 22 साल बाद शुद्ध किया गया है। नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत अब किसी भी मतदाता को पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा सभी मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा भी रहेगी।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कानूनी और अनिवार्य दोनों है। अगर किसी मतदाता को नाम जोड़ने या हटाने को लेकर आपत्ति है, तो वे जिला मजिस्ट्रेट के पास अपील कर सकते हैं। नामांकन से दस दिन पहले तक मतदाता सूची में सुधार किया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए चुनाव इससे पहले ही सम्पन्न कराए जाएंगे।
इस बार का बिहार चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है—दो चरणों का चुनाव, छठ के बाद का शेड्यूल, पूरी तरह वेबकास्टिंग वाले मतदान केंद्र और मतदाता सूची की 22 साल बाद शुद्धि—सब कुछ एक नए लोकतांत्रिक अध्याय की ओर संकेत करता है।

