अमित शाह बोले – 1975 का आपातकाल था कांग्रेस का अन्यायकाल
नई दिल्ली।
25 जून 1975 – भारतीय लोकतंत्र का वह काला दिन, जब देश में आपातकाल की घोषणा की गई थी। आज उस घटना के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी ने इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए भाजपा देशभर में कार्यक्रम आयोजित करेगी, ताकि लोगों को लोकतंत्र के उस संकट काल की याद दिलाई जा सके।
CGPSC परीक्षा 2024: 26 जून से शुरू होगी परीक्षा, प्रशासन ने की तैयारियां
शाह का तीखा प्रहार: “आपातकाल था कांग्रेस का अन्यायकाल”
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘आपातकाल के 50 साल’ कार्यक्रम में तीखे शब्दों में कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 1975 का आपातकाल परिस्थिति या मजबूरी का नहीं, बल्कि तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख का परिणाम था। शाह ने इसे कांग्रेस का अन्यायकाल करार दिया।
उन्होंने कहा,“25 जून की तारीख हर भारतीय को यह याद दिलाती है कि कांग्रेस सत्ता के लिए किस हद तक जा सकती है। लोकतंत्र का गला घोंटा गया था, प्रेस की आजादी छीन ली गई थी और लोगों की आवाज को कुचल दिया गया था।”
क्या आपके पास क्रेडिट कार्ड है? हो जाइए सावधान! आयकर विभाग भेज सकता है नोटिस, जानिए किन ट्रांजैक्शन से बचना है आपको
भाजपा मनाएगी संविधान हत्या दिवस
आपातकाल की 50वीं बरसी पर भाजपा ने देशभर में ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने का निर्णय लिया है। जिला स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मीसा बंदियों (आपातकाल में जेल गए लोकतंत्र सेनानियों) का सम्मान किया जाएगा। पार्टी का उद्देश्य है कि नए भारत की पीढ़ी उस दौर के अन्याय और दमन को जाने और लोकतंत्र की कीमत को समझे।
“ऐसी भूलों को याद रखना जरूरी”
शाह ने इस अवसर पर कहा कि 11 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह निर्णय लिया कि हर वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने इस पर उठे सवालों का जवाब देते हुए कहा:“कई लोग पूछते हैं कि 50 साल पुरानी घटना को याद करके आज क्या हासिल होगा? पर जब किसी राष्ट्रीय घटना के 50 साल पूरे होते हैं, तो समाज की स्मृति धीरे-धीरे धुंधली हो जाती है। अगर आपातकाल जैसी लोकतंत्र विरोधी घटना समाज के जेहन से मिट गई, तो यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।”
शाह ने यह भी कहा कि मानव प्रवृत्ति बार-बार दोहराई जा सकती है, इसलिए ऐसी ऐतिहासिक गलतियों को याद रखना जरूरी है।
काशी के कोतवाल दरबार में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने टेका माथा, छत्तीसगढ़ की सुख-समृद्धि के लिए मांगा आशीर्वाद
“भारत लोकतंत्र की जननी है”
गृह मंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कहा,“भारत लोकतंत्र की जननी है। यहां तानाशाही कभी स्वीकार नहीं की जा सकती। हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहना होगा।”
आपातकाल की 50वीं बरसी पर भाजपा का यह कदम सिर्फ एक राजनीतिक स्मरण नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती और भविष्य की पीढ़ियों को जागरूक करने की कोशिश भी है। ‘संविधान हत्या दिवस’ के माध्यम से भाजपा ने संकेत दिया है कि लोकतंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, हर नागरिक की है।
#EmergencyAnniversary #संविधानहत्यादिवस #AmitShah #आपातकाल1975 #BJP #Congress #Democracy #IndianPolitics #Emergency50Years #MeeSaBandi सम्मान