रायपुर। पिछले करीब दस दिनों से कड़ाके की ठंड और शीतलहर की चपेट में रह रहे छत्तीसगढ़ में अब राहत के संकेत दिखने लगे हैं। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर से आने वाली शुष्क और ठंडी हवा का असर कम होने लगा है और उसकी जगह पूर्वी हवा राज्य में पहुंच रही है। इस बदलाव के कारण न्यूनतम तापमान धीरे-धीरे बढ़ेगा और ठंड का प्रकोप कम होता दिखेगा।
इन दस दिनों में ठंड इतनी तेज रही कि अंबिकापुर का तापमान 6 डिग्री तक पहुंच गया था। रायपुर में भी रात का तापमान 13 डिग्री तक लुढ़क गया था। बीते 24 घंटों में अंबिकापुर का पारा 7 डिग्री पर रहा, जो सामान्य से करीब 3 डिग्री कम है, इसलिए वहां सुबह और रात जमाने वाली ठंड महसूस की गई।
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राज्य में इस समय सबसे ज्यादा ठंड ऊँचाई वाले इलाकों में पड़ रही है। जशपुर के सन्ना, किलकिला और बगीचा जैसे क्षेत्र, मेनपाथ (Mainpat) का ठंडा पठारी इलाका, पेंड्रा–मरवाही की ऊँचाई, बलरामपुर–समरी का उत्तरी हिस्सा और रायगढ़ के पहाड़ी क्षेत्र अब भी तेज ठंड की चपेट में हैं। इन जगहों पर तापमान 5 से 9 डिग्री के बीच बना हुआ है, जिसकी वजह से शीतलहर जैसे हालात जारी हैं। ऊँचाई, पहाड़ी हवा और घने जंगलों के कारण यहां तापमान मैदानी इलाकों की तुलना में ज्यादा नीचे बना हुआ है।
वहीं मैदानी जिलों में भी ठंड है, लेकिन यहां रात का तापमान अपेक्षाकृत अधिक है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, महासमुंद और रायगढ़ के मैदानी हिस्सों में न्यूनतम तापमान 12 से 14 डिग्री के आसपास बना हुआ है। दिन में तापमान 27 से 30 डिग्री के बीच रहने के कारण दोपहर में हल्की गर्माहट महसूस हो रही है और लोगों को थोड़ी राहत मिल रही है।
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मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर जैसे उत्तरी जिलों में हल्की शीतलहर की संभावना जताई है। हालांकि अगले चार दिनों में न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री तक बढ़ोतरी होने का अनुमान है। आज का मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
कुल मिलाकर, इस बार छत्तीसगढ़ में पहली ठंड का दौर लंबा रहा, लेकिन अब हवा की दिशा बदलने के साथ धीरे-धीरे मौसम सामान्य होने की ओर बढ़ रहा है। मैदानी जिलों में राहत जल्दी महसूस होगी, जबकि जशपुर, मेनपाथ, पेंड्रा–मरवाही और बलरामपुर जैसे ऊँचाई वाले क्षेत्रों में ठंड कुछ और दिन ज्यादा बनी रह सकती है।

