रायपुर, 30 अक्टूबर 2025/ छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत महोत्सव पर इस बार राज्य की राजधानी नवा रायपुर में भव्य सांस्कृतिक आयोजन होगा। 1 से 5 नवम्बर तक चलने वाले इस राज्योत्सव में देश और प्रदेश के प्रसिद्ध कलाकार अपनी शानदार प्रस्तुतियों से छत्तीसगढ़ की धरती को सुरों और रंगों से सराबोर करेंगे।
मुख्यमंच के साथ-साथ शिल्पग्राम मंच पर भी प्रतिदिन विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। राज्योत्सव की शुरुआत 1 नवम्बर को नवा रायपुर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाणिज्य एवं व्यापार परिसर में होगी। शुभारंभ के दिन सुबह 11 बजे सुश्री ऐश्वर्या पंडित अपने सुरों से कार्यक्रम की शुरुआत करेंगी। इसके बाद श्री पीसी लाल यादव, सुश्री आरू साहू, श्री दुष्यंत हरमुख, श्रीमती निर्मला ठाकुर मंच पर प्रस्तुति देंगे। वहीं रात्रि 8 बजे देश के प्रसिद्ध गायक श्री हंशराज रघुवंशी विशेष आकर्षण रहेंगे।
2 नवम्बर की शाम श्री आदित्य नारायण अपने गीतों से दर्शकों को झुमाएंगे। इस दिन शाम 6:30 बजे से कार्यक्रमों की शुरुआत होगी, जिसमें सुनील तिवारी, सुश्री जयश्री नायर, चिन्हारी द गर्ल बैंड और पद्मश्री डोमार सिंह कंवर नाचा दल प्रस्तुति देंगे।
3 नवम्बर को लोकप्रिय गायिका भूमि त्रिवेदी रात्रि 9 बजे मंच संभालेंगी। इससे पहले पद्मश्री उषा बारले पंडवानी, श्री राकेश शर्मा सूफी-भजन और श्री कुलेश्वर ताम्रकार लोकमंच की प्रस्तुति देंगे।
4 नवम्बर की रात अंकित तिवारी के रोमांटिक गीतों से समां बंधेगा। शाम 6 बजे से कला केन्द्र रायपुर बैंड, रेखा देवार और प्रकाश अवस्थी लोकसंगीत की प्रस्तुति देंगे।
5 नवम्बर को राज्योत्सव का समापन कैलाश खेर के सुरों से होगा। शाम 6 बजे से श्रीमती पूनम विराट तिवारी और इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कलाकार प्रस्तुति देंगे।
शिल्पग्राम मंच की प्रस्तुतियां
शिल्पग्राम मंच पर प्रतिदिन लोकनृत्य, शास्त्रीय गायन और पारंपरिक कला की मनमोहक झलक देखने को मिलेगी।
1 नवम्बर: मोहम्मद अनस (पियानो वादन), बासंती वैष्णव (कत्थक), रमादत्त जोशी, सोनाली सेन (गायन), स्वीटी पगारिया (कत्थक), मंगलूराम यादव (बांसगीत), चारूलता देशमुख (भारत नाट्यम), दुष्यंत द्विवेदी (पंडवानी) और चंद्रभूषण वर्मा (लोकमंच)।
2 नवम्बर: रेखा जलक्षत्रीय (भरथरी), इकबाल ओबेराय (म्यूजिक ग्रुप), बसंतबीर उपाध्याय (मानस बैंड), दीपाली पाण्डेय (कत्थक), लिलेश्वर सिंहा (लोकसंगीत), अंविता विश्वकर्मा (भारतनाट्यम), आशिका सिंघल (कत्थक), प्रांजल राजपूत (भरथरी), प्रसिद्धि सिंहा (कत्थक) और जीवनदास मानिकपुरी (लोकमंच)।
3 नवम्बर: सुरेश ठाकुर (भजन), डॉ. आरती सिंह (कत्थक), राखी राय (भरतनाट्यम), पुसउराम बंजारे (पंडवानी), इशिका गिरी (कत्थक), गिरवर सिंह ध्रुव (भुंजिया नृत्य), शांतिबाई चेलक (पंडवानी), दुष्यंत दुबे (सुआ नृत्य), गंगाबाई मानिकपुरी (पंडवानी), संगीता कापसे (शास्त्रीय नृत्य), महेन्द्र चौहान (बैंड) और घनश्याम महानंद (फ्यूजन बैंड)।
4 नवम्बर: भूमिसूता मिश्रा (ओडिसी), चैतुराम तारक (नाचा दल), आशना दिल्लीवार (कत्थक), पुष्पा साहू (लोकसंगीत), महेन्द्र चौहान (पंडवानी), प्रिति गोस्वामी (कत्थक), पृथा मिश्रा (शास्त्रीय गायन), महेश साहू (लोकमंच), विजय चंद्राकर (लोकसंगीत) और तिलक राजा साहू (लोकधारा)।
5 नवम्बर: दुर्गा साहू (पंडवानी), डाली थरवानी (कत्थक), संजय नारंग (लोकसंगीत), सारिका शर्मा (कत्थक), महेश्वरी सिंहा (लोकमंच), चंद्रशेखर चकोर (लोकनाट्य), नीतिन अग्रवाल (लोकसंगीत), द्वारिकाप्रसाद साहू (डंडा नृत्य), महुआ मजुमदार और नरेन्द्र जलक्षत्रीय (लोकसंगीत)।
रजत महोत्सव में छत्तीसगढ़ की लोककला, संस्कृति, संगीत और परंपराओं की ऐसी अनूठी प्रस्तुति देखने को मिलेगी जो दर्शकों के दिलों में लंबे समय तक गूंजती रहेगी।

