रायपुर, 15 नवंबर 2025 — छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य की भाजपा सरकार पर स्थानीय युवाओं के अधिकारों से खिलवाड़ करने और सरकारी नौकरियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से बेचने का गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निर्धारित मापदंडों को ध्वस्त कर दिया है।
वर्मा ने आरोप लगाया कि शासकीय संस्कृत कॉलेज रायपुर के वेद विभाग में अतिथि सहायक प्राध्यापक के पद पर स्थानीय योग्य अभ्यर्थियों को हटाकर बाहरी उम्मीदवार को गुपचुप तरीके से नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार के युवा विरोधी और छत्तीसगढ़िया विरोधी रवैये का एक और प्रमाण है।
“स्थानीय युवाओं को हटाकर बिहार के उम्मीदवार को बुलाकर जॉइनिंग कराई गई” — कांग्रेस
कांग्रेस के अनुसार, महाविद्यालय द्वारा 27 जुलाई 2025 को जारी विज्ञापन के अनुसार अंतिम तिथि तक कई स्थानीय उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। 6 अगस्त को जारी मेरिट सूची में कई छत्तीसगढ़िया अभ्यर्थियों के नाम थे, लेकिन अंतिम चयन सूची में बाहर के अभ्यर्थी को जगह दे दी गई।
इसके बाद एक चौंकाने वाली घटना 8 अक्टूबर को हुई, जब विभाग में वर्षों से कार्यरत एक अनुभवी अतिथि सहायक प्राध्यापक ने कथित प्रशासनिक दबाव और दुर्भावना से पीड़ित होकर त्यागपत्र दे दिया। कांग्रेस का कहना है कि इसके बाद नए विज्ञापन की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने न तो नया विज्ञापन निकाला और न ही विभागीय अनुमति ली।
इसके विपरीत, पूर्व दावा-आपत्ति सूची से हटाए गए बिहार निवासी व्यक्ति — जिसे कांग्रेस ने भाजपा नेता नितिन नबीन के गृहप्रदेश से जुड़ा बताया — को 6 नवंबर 2025 को बिना सूचना गुपचुप तरीके से बुलाकर जॉइनिंग करा दी गई। कांग्रेस के अनुसार नियुक्त व्यक्ति का नाम अंतिम चयन सूची में था ही नहीं, जिससे पूरी प्रक्रिया अवैधानिक साबित होती है।
“अतिथि व्याख्याता भर्ती नीति 2024” का खुला उल्लंघन — वर्मा
कांग्रेस ने कहा कि राज्य शासन की 21 जून 2024 की “अतिथि व्याख्याता भर्ती नीति” की कंडिका 5.4 में स्पष्ट रूप से छत्तीसगढ़ के मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने का प्रावधान है, लेकिन भाजपा सरकार इस नीति की लगातार अनदेखी कर रही है।
सुरेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया —
“भाजपा शासन में छत्तीसगढ़ को दूसरे प्रदेशों के संघियों और भाजपाइयों का चारागाह बनाया जा रहा है। पुलिस-वनरक्षक भर्ती से लेकर विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति तक हर जगह बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह सरकार युवाओं के रोजगार के हक में डकैती कर रही है।”
कांग्रेस ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार सच में स्थानीय युवाओं के हित में काम करती है, तो वह नियुक्ति प्रक्रिया को तुरंत निरस्त कर नए विज्ञापन जारी करे।

