रायपुर, 10 जून 2025/
छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तिकरण के नाम पर हुई भारी धांधली, भाई-भतीजावाद और प्रशासनिक मनमानी के खिलाफ आज शिक्षक समुदाय सड़कों पर उतर आया। शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के बैनर तले प्रदेश के सभी 33 जिलों में एक साथ प्रदर्शन हुआ और कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदेश संचालक जाकेश साहू ने बताया कि युक्तियुक्तिकरण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। शिक्षकों का मनोबल तोड़ा गया और अपारदर्शिता से काम किया गया। मंच ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और विकासखंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) को तत्काल बर्खास्त करने, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और जेल भेजने की मांग की है।
राज्यभर में साझा मंच के 23 प्रदेश संचालकों ने भ्रष्टाचार के दस्तावेजी सबूतों के साथ पोल खोली। बलरामपुर से सुकमा और राजनांदगांव से महासमुंद तक हर जिले में शिक्षकों ने प्रशासनिक तंत्र के खिलाफ आवाज बुलंद की।
कोंडागांव में बस्तर टाइगर के नाम से प्रसिद्ध प्रदेश संचालक केदार जैन ने गरजते हुए कहा कि विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तिकरण को तुरंत रद्द कर 2008 का मूल सेटअप लागू किया जाए। यहां शिक्षकों ने रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
बिलासपुर में प्रदेश संचालक मनीष मिश्रा, संजय शर्मा और भूपेंद्र बनाफर ने मोर्चा संभाला, वहीं रायपुर में वीरेंद्र दुबे और राजनारायण द्विवेदी ने सैकड़ों शिक्षकों के साथ कलेक्टर परिसर में प्रदर्शन कर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की।
दुर्ग जिले में विकास राजपूत, धर्मदास बंजारे, विष्णु प्रसाद साहू और जाकेश साहू के नेतृत्व में शिक्षक राजेंद्र पार्क में एकत्र हुए। पहले पीड़ित शिक्षकों की समस्याएं सुनी गईं और फिर उनका संयुक्त आवेदन लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदेशभर में कई जिलों में रैली और विरोध प्रदर्शन हुए
- कोरबा: गिरीश केशकर
- कवर्धा: कमलदास मूरचले
- सारंगढ़: लैलूंन कुमार भरद्वाज, प्रदीप कुमार लहरे
- मोहला: शंकर साहू
- बलौदाबाजार: विक्रम राय, चेतन बघेल
- अन्य जिलों में: प्रदीप पांडे, भूपेंद्र गिलहरे, अनिल टोप्पो ने भी नेतृत्व किया।
शिक्षक साझा मंच की मांग है कि युक्तियुक्तिकरण की पूरी प्रक्रिया को निरस्त कर 2008 के नियोजन और पदस्थापना सेटअप को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। मंच ने चेतावनी दी कि यदि दोषी अधिकारियों पर जल्द कार्यवाही नहीं हुई, तो आंदोलन और भी उग्र होगा।