विपक्ष के “वोट चोरी” के आरोपों के बीच रविवार को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सख्त और स्पष्ट जवाब दिया। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दो टूक कहा कि चुनाव आयोग किसी भी राजनीतिक दल के साथ पक्षपात नहीं करता और सभी पार्टियां आयोग की नजर में बराबर हैं। उन्होंने साफ किया कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत मतदाता हैं और चुनाव आयोग हर हाल में उनके अधिकार की रक्षा करेगा। आयोग ने यह भी बताया कि पूरे देश में पारदर्शी प्रक्रिया से चुनाव कराए जा रहे हैं और “वोट चोरी” जैसी अफवाहें सिर्फ राजनीति का हिस्सा हैं।
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चुनाव आयोग का स्पष्ट संदेश: “कोई पक्ष-विपक्ष नहीं, सभी दल बराबर”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार हर दल का जन्म चुनाव आयोग के पंजीकरण से होता है। ऐसे में किसी दल के साथ भेदभाव करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आयोग के लिए न पक्ष है, न विपक्ष – सभी राजनीतिक दल समकक्ष हैं। ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष द्वारा लगाए गए “वोट चोरी” के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इतने बड़े पैमाने पर पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के बीच यह संभव ही नहीं है कि कोई मतदाता चोरी-छिपे वोट डाल सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने विपक्ष द्वारा मीडिया में मतदाताओं की तस्वीरें और फुटेज दिखाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने सवाल उठाया,
“क्या चुनाव आयोग को मतदाताओं, उनकी माताओं, बहुओं या बेटियों के सीसीटीवी फुटेज मीडिया में दिखाना चाहिए?”
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के बाद ही कोई व्यक्ति वोट डाल सकता है। इस पूरी प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट और 20 लाख से अधिक पोलिंग एजेंट काम करते हैं। इतने लोगों की मौजूदगी में “वोट चोरी” का आरोप सिर्फ झूठ और मिथ्या प्रचार है।
चुनाव आयोग का विपक्ष के आरोपों पर जवाब: “न आयोग डरेगा, न मतदाता”
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि कुछ लोगों ने दोहरे मतदान के आरोप लगाए लेकिन जब सबूत मांगे गए तो कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा है।” आयोग ने सभी मतदाताओं को आश्वस्त किया कि चाहे वे गरीब हों या अमीर, महिला हों या पुरुष, बुजुर्ग हों या युवा – चुनाव आयोग चट्टान की तरह उनके साथ खड़ा है और रहेगा।
आयोग ने न सिर्फ पारदर्शिता का भरोसा दिलाया बल्कि यह भी साफ कर दिया कि लोकतंत्र में मतदाता ही सर्वोपरि है और उनकी सुरक्षा व सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा। क्या आप चुनाव आयोग के इस बयान से सहमत हैं? अपनी राय नीचे कमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।