जशपुर। कुनकुरी क्षेत्र के गढ़ाकटा शमशान घाट में उस समय अफरातफरी मच गई, जब मृतक के अंतिम संस्कार के बीच अचानक तीन हाथियों का झुंड पहुँच गया। जलती चिता के बीच लोगों की चीखें गूँज उठीं। शमशान घाट में भगदड़ मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। हाथियों ने करीब 15 गाड़ियाँ कुचल डालीं और आसपास तबाही मचा दी।
हैरानी की बात यह है कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, उसे एक दिन पहले इन्हीं हाथियों ने खेत में कुचलकर मार डाला था। मृतक का नाम जूनस बड़ा (60 वर्ष) बताया गया है। वह अपने बेटों के साथ खेत में धान की रखवाली कर रहे थे, तभी हाथियों का झुंड वहाँ पहुँचा। बेटे किसी तरह भाग निकले, लेकिन जूनस बड़ा को बचाया नहीं जा सका।
अगले दिन ग्रामीण उनके शव का अंतिम संस्कार करने जुटे ही थे कि फिर वही हाथी वहाँ आ धमके। मौके पर रेंजर सुरेंद्र होता और उनकी टीम पहुँची। उन्होंने पटाखे और मशाल जलाकर हाथियों को भगाने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद झुंड जंगल की ओर भागा, तब जाकर लोगों ने राहत की साँस ली।
ग्राम प्रधान ने घटना के बाद ग्रामीणों से रात के समय घर से बाहर न निकलने की अपील की है। बताया जा रहा है कि यह झुंड पिछले कुछ दिनों से कुनकुरी वन परिक्षेत्र के कई गाँवों में घूम रहा है और फसलों को नुकसान पहुँचा रहा है।
वन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और हाथियों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए टीम तैनात कर दी गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है —“ऐसा पहली बार हुआ कि हाथी अंतिम संस्कार में पहुँच गए। लोग अपनी आँखों से देख रहे थे कि कैसे लाश जल रही थी और उसी समय हाथी गाड़ियों को रौंद रहे थे। हम जान बचाकर भागे, सब कुछ खत्म हो गया।”
पिछले एक साल में जिले में कई बार हाथियों के हमले की घटनाएँ हो चुकी हैं। वन विभाग ने चेतावनी दी है कि जिन इलाकों में हाथियों का झुंड घूम रहा है, वहाँ के ग्रामीण खेतों और जंगल की ओर अकेले न जाएँ।

