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धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में देश का पहला ट्राइबल बिजनेस कॉन्क्लेव आयोजित हुआ। यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने आदिवासी उद्यमिता को समर्पित एक बड़े मंच का आयोजन किया।
कार्यक्रम में केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, राज्य मंत्री धर्मदास यूईके, डीपीटीआईआईटी की अतिरिक्त सचिव हिमानी पांडे समेत विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी और देशभर से आए पांच सौ से अधिक आदिवासी उद्यमी शामिल हुए। कुल मिलाकर करीब पांच हजार लोग इस कार्यक्रम के साक्षी बने।
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उत्पादों की प्रदर्शनी और पिचिंग सेशन
कॉन्क्लेव में 125 स्टॉल लगाए गए, जिनमें आदिवासी समुदाय द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगी। साथ ही 100 से अधिक आदिवासी स्टार्टअप ने निवेशकों के सामने अपना मॉडल पेश किया।
पिचिंग के बाद 24 स्टार्टअप का चयन किया गया, जिन्हें आगे विभिन्न कंपनियों और एजेंसियों से निवेश मिलेगा। चयनित स्टार्टअप में झारखंड के सात आदिवासी स्टार्टअप शामिल हैं, जो राज्य के लिए गर्व का क्षण है।
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TICCI की महत्वपूर्ण भूमिका
कार्यक्रम में ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (TICCI) ने अहम भूमिका निभाई। इस दौरान तेलंगाना के सुधाकर धारावत, झारखंड के बसंत तिर्की और बैद्यनाथ मांडी, महाराष्ट्र के गजानंद भलावी, और नागालैंड के जॉनी जी रेंगमां भी मौजूद रहे।
‘प्रकृति से जुड़े उद्यम, दुनिया को संदेश’
TICCI के राष्ट्रीय महासचिव बसंत तिर्की ने कहा कि जब बड़ी कंपनियाँ प्रकृति आधारित व्यापार की ओर बढ़ रही हैं, तब आदिवासी उद्यमी अपनी संस्कृति, प्रकृति और परंपराओं के साथ जुड़कर उद्यमिता में नया रास्ता बना रहे हैं। यह दुनिया को सतत विकास और प्रकृति-सम्मत कारोबार का मजबूत संदेश देता है।
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