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रांची, 17 नवम्बर 2025 — झारखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर पूरे प्रदेश में रजत पर्व उत्साह और गौरव के साथ मनाया जा रहा है। राजधानी रांची में रविवार को निकली भव्य जतरा झांकी इस उत्सव का मुख्य आकर्षण बनी, जिसने राज्य की जनजातीय परंपराओं, कला और सांस्कृतिक विरासत को अद्भुत रूप में प्रस्तुत किया।
जैप ग्राउंड, डोरंडा से शुरू हुई यह ऐतिहासिक झांकी मेन रोड होते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पहुंची। लगभग चार हजार से अधिक कलाकारों ने इसमें हिस्सा लिया। 32 जनजातीय समुदायों के कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा, नृत्य और लोकगीतों के माध्यम से झारखंड की पहचान को सड़कों पर जीवंत कर दिया। ढोल, नगाड़ों और मांदर की थाप पर पारंपरिक नृत्य ने पूरे शहर को उत्सव के रंग में रंग दिया।
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अल्बर्ट एक्का चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंच से कलाकारों का अभिनंदन किया। जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के इस प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने कलाकारों को पानी, गुड़ और चना वितरित कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने खुद ढाक और ढोलक बजाकर माहौल को और उत्साहपूर्ण बना दिया।
कुछ दूरी तक मुख्यमंत्री स्वयं जतरा रैली का हिस्सा बने और कलाकारों के साथ कदमताल करते हुए आगे बढ़े, जिससे कलाकारों और जनता में खासा उत्साह देखने को मिला।
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रजत पर्व पर आयोजित इस भव्य जतरा झांकी ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि झारखंड जनजातीय संस्कृति, कला और लोकधरोहर की दृष्टि से देश के सबसे समृद्ध राज्यों में शामिल है। राजधानी की सड़कों पर उमड़ी भारी भीड़, रंग-बिरंगी पोशाकों में सजे कलाकार, नृत्य-संगीत की गूंज और जय-झारखंड के उद्घोष से पूरा शहर सांस्कृतिक रंग में डूब गया।
उधर सुरक्षा के मद्देनज़र अल्बर्ट एक्का चौक और आस-पास का क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील रहा। डीसी और एसएसपी स्वयं सुरक्षा व्यवस्थाओं की निगरानी करते नजर आए, ताकि उत्सव शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हो सके।
रजत पर्व का यह उत्सव झारखंड की पहचान, उसकी जड़ों और उसकी सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक सशक्त प्रतीक बनकर सामने आया।

