नेपाल के मधेश प्रांत में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री जितेन्द्र प्रसाद सोनल की सरकार गठन के मात्र 25 दिन बाद ही गिर गई। शनिवार को प्रदेश सभा की बैठक में सोनल ने यह घोषणा की कि उन्हें विश्वास मत नहीं मिलने की स्थिति स्पष्ट हो चुकी है, इसलिए वे अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
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विश्वास मत से पहले दिया त्यागपत्र
नेपाली कांग्रेस और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को दरकिनार कर बनी जितेन्द्र सोनल नेतृत्व वाली सरकार को शनिवार को विश्वास मत हासिल करना था। लेकिन सरकार बनाने के लिए जिन सदस्यों का समर्थन उन्हें मिला था, वे बाद में विपक्षी दलों के खेमे में शामिल हो गए। बहुमत खोने की स्थिति में सोनल ने मतदान प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही त्यागपत्र देने का निर्णय लिया।
प्रदेश प्रमुख ने इस्तीफा स्वीकार किया
मधेश प्रदेश की प्रदेश प्रमुख सुमित्रा सुवेदी भण्डारी ने मुख्यमंत्री सोनल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। प्रदेश प्रमुख के कार्यालय से शनिवार शाम जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री सोनल ने नेपाल के संविधान की धारा 169(1)(क) के तहत अपना इस्तीफा सौंपा था, जिसे औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है।
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25 दिन में खत्म हुई सरकार
सोनल सरकार का गठन कुछ ही हफ्ते पहले हुआ था, लेकिन राजनीतिक समीकरणों में बदलाव और समर्थन खोने के चलते मात्र 25 दिन में सरकार गिर गई। अब मधेश प्रांत में नई सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।
नेपाल के मधेश प्रांत में यह राजनीतिक संकट एक बार फिर साबित करता है कि वहां की राजनीति में अस्थिरता अब भी बनी हुई है।

