बाराबंकी के डीह गांव के पास बुधवार सुबह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर ऐसा हादसा हुआ कि देखते ही देखते पूरा इलाका दहशत से भर गया। एक खड़ी वैगन आर कार और पीछे से तेज रफ्तार में आई ब्रेज़ा की टक्कर ने पलभर में दोनों वाहनों को आग के गोले में बदल दिया। कुछ लोग किसी तरह बाहर निकलकर सड़क पर गिर पड़े, लेकिन पाँच लोग कार के अंदर ही फंस गए। गेट लॉक था, आग तेजी से फैल रही थी, और चीखें हवा में गूंज रही थीं—लेकिन कोई उनकी मदद नहीं कर सका।
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कुछ ही मिनटों में कार के अंदर फंसे पाँचों लोग जिंदा जल गए। देखने वाले ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने ऐसा भयावह दृश्य पहले कभी नहीं देखा था। आंखों के सामने लोग मदद की पुकार कर रहे थे, मगर आग की लपटें इतनी भयानक थीं कि कोई भी पास नहीं जा पाया।
हादसे में मौत का शिकार हुए सभी लोग मऊ जिले के घोसी क्षेत्र के खानपुर गांव के एक ही परिवार के थे। मृतकों में दो महिलाएं और तीन छोटे-बड़े बच्चे शामिल हैं—गुलिश्ता (49), समरीन (22), इलमा (12), इश्मा (6) और बेटा जियान। बताया जाता है कि परिवार कार रोककर पानी पी रहा था, तभी पीछे से ब्रेज़ा आकर सीधे उनकी कार में घुस गई और आग भड़क उठी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों कारों के हिस्से दूर-दूर तक बिखर गए।
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दोनों कारों में कुल नौ लोग सवार थे। ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाकर पाँच लोगों को किसी तरह बाहर निकाला, जिनमें दो की हालत बेहद नाजुक है। सभी घायलों को पहले हैदरगढ़ अस्पताल और फिर गंभीर हालत को देखते हुए लखनऊ रेफर कर दिया गया।
एसपी अर्पित विजयवर्गीय के मुताबिक वैगन आर गाजियाबाद नंबर की और ब्रेज़ा दिल्ली नंबर की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि तेज रफ्तार के कारण ब्रेज़ा चालक खड़ी कार को देख नहीं सका और सीधी टक्कर हो गई।
हादसे के बाद एक्सप्रेसवे पर लंबा जाम लग गया। पुलिस और फायर टीम ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई और शवों को बाहर निकाला। ग्रामीण अभी भी सदमे में हैं। जो मंजर उन्होंने देखा, वह उनके दिल-दिमाग से हट ही नहीं रहा है।
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यह दुर्घटना एक बार फिर साबित करती है कि तेज रफ्तार, लापरवाही और सुरक्षा के नियमों को नजरअंदाज करने का परिणाम कितना भयानक हो सकता है।

