आईसीआईसीआई बैंक के द्वारा 1 अगस्त 2025 से बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस 10 हजार से 5 गुना बढ़ाकर 50 हजार किए जाने के निर्णय को अन्याय पूर्ण करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार, वित्त विभाग और आर बी आई के अनुचित संरक्षण में बैंक, खाताधारकों को लूटने नए-नए तरीके इजात करने में लगी है।
देश के वित्त मंत्री को जवाब देना चाहिए, इस “आर्थिक पाप” पर मोदी सरकार और देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मौन क्यों है? एक देश एक विधान का फर्जी दावा करने वाले भाजपाई बताए कि हर बैंक अपनी मनमानी थोपने बेलगाम क्यों है? कहीं 2 हजार, कहीं 10 हजार और अब तो हद्द पार हो गई बचत खातों में 50 हजार न्यूनतम बैलेंस का प्रावधान कहां तक उचित है? ऐसे अनुचित और अव्यावहारिक निर्णय को बैंक को तुरंत वापस करने का आदेश जारी किया जाना चाहिए।
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि न्यूनतम बैलेंस बढ़ाना जनता के प्रति अन्याय पूर्ण फैसला है, सत्ता के संरक्षण में बैंकों का रवैया बेरहम सूदखोर की तरह प्रतीत होने लगा है। महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही आमजनता के लिए बचत खाते में 50 हजार न्यूनतम बैलेंस मेनटेन रखना आसान नहीं है, इसके बाद ऐसा न करने वालों पर न्यूनतम बैलेंस का 5 प्रतिशत पेनल्टी लगाई जा रही है। एक तरफ मोदी सरकार जन-धन खाते और जीरो बैलेंस सुविधा का दावा करती है, दूसरी तरफ न्यूनतम बैलेंस के नाम पर कुछ बैंकों के द्वारा किए जा रहे अवैध वसूली को संरक्षण दे रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि बैंकों के द्वारा अपने खाता धारकों को जो जबरिया सेवाएं दी जा रही है, उसके लिए अनाप सनाप सेवा शुल्क भी ग्राहकों से ही वसूला जा रहा है। जिस एसएमएस के लिए 10 से 15 रुपए साल का लिया जाता था, उसे बढ़कर अलग अलग बैंकों में 50 से लेकर 200 रुपए प्रति तिमाही तक वसूले जा रहे हैं, एटीएम, डीडी और डुप्लीकेट पिन, मशीन से कैश डिपाजिट, नगद आहरण का शुल्क 10 गुना तक बढ़ चुका है। लाकर चार्ज जो 200 से 500 रुपए प्रतिवर्ष हुआ करता था, उसके लिए 2 हजार से 10 हजार तक वसूले जा रहे हैं।
चेक बुक जो पहले खातेधारकों को बैंक से निःशुल्क उपलब्ध होता था, सभी बैंक उसकी भी कीमत ग्राहकों से ले रहे है, उसके बाद अब अपना ही पैसा बैंक में रखने पर लिमिट की बाध्यता और बैंक द्वारा तय उस लिमिट से न्यूनतम बैलेंस पर पेनल्टी वसूल करना आखिर कहां तक उचित है? ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।