गरियाबंद में नौकरी का झांसा देकर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। कांग्रेस सरकार के दौरान ब्लॉक अध्यक्ष रहे हाफ़िज़ खान को पुलिस ने ठगी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया है। आरोपी पर सरकारी नौकरी दिलाने का वादा कर तीन युवकों से 7,70,000 रुपये वसूलने का आरोप है। पीड़ितों का दावा है कि उन्हें छात्रावास में काम भी कराया गया, लेकिन कभी नियुक्ति पत्र नहीं मिला। लंबे समय से पैसे मांगने पर आरोपी टालमटोल करता रहा, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। जांच के बाद पुलिस ने हाफ़िज़ खान को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
तीन युवकों से वसूले लाखों, सरकारी नौकरी का लालच
कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश यदु के अनुसार, पीड़ित महावीर यादव (24) ने 28 सितंबर 2024 को शिकायत दर्ज कराई। महावीर ने बताया कि हाफ़िज़ खान ने उसे पोस्ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास में भृत्य (चपरासी) की नौकरी दिलाने का भरोसा दिया और 2,30,000 रुपये ले लिए। उसे तीन महीने काम कराया गया, लेकिन नियुक्ति पत्र कभी नहीं दिया गया। पैसे लौटाने की मांग पर आरोपी ने बार-बार टालमटोल की।
जांच में खुला पूरा रैकेट, दो और युवकों को बनाया शिकार
विवेचना के दौरान सामने आया कि आरोपी ने खोमेन्द्र साहू से नौकरी लगाने के नाम पर 3,10,000 रुपये, जबकि दिग्विजय ध्रुव से 2,30,000 रुपये वसूले। इस तरह कुल 7,70,000 रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने तीनों पीड़ितों व गवाहों के बयान दर्ज किए। सबूतों के आधार पर धारा 318(4) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस टीम ने की बड़ी कार्रवाई, राजनीति में भी मचा बवाल
आरोपी हाफ़िज़ खान (45 वर्ष), निवासी मालगांव, को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। गरियाबंद पुलिस की टीम ने इस केस में विशेष भूमिका निभाई। मामला अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि हाफ़िज़ खान पूर्व में कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष रहते हुए प्रभाव का इस्तेमाल कर नौकरी दिलाने का दावा करता था, लेकिन खुद ठगी के मामले में फंस गया। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

