कोरबा से एक ऐसी खबर आई है जो हर माता-पिता को झकझोर कर रख देगी। एक 2 साल का मासूम, जो सुबह तक हँसता-खेलता था, दोपहर तक हमेशा के लिए इस दुनिया से चला गया। गले में सिर्फ एक चना अटकने से उसकी सांसें रुक गईं। खेलते-खेलते यह हादसा हुआ और सब कुछ खत्म हो गया। यह घटना हमें याद दिलाती है कि छोटे बच्चों के आस-पास क्या रखा है, इस पर हर पल ध्यान देना कितना ज़रूरी है। एक छोटी सी अनदेखी, एक परिवार की पूरी दुनिया उजाड़ सकती है।
कैसे हुआ हादसा: खेल से कब हादसा बन गया पता ही नहीं चला
राजगढ़, मध्य प्रदेश का रहने वाला छोटू कुमार अपने परिवार के साथ कोरबा में पानी पुरी बेचकर गुज़ारा करता है। गुरुवार की सुबह उसका 2 साल का बेटा दिव्यांश हमेशा की तरह घर के आंगन में खेल रहा था। थोड़ी देर में वह खेलते-खेलते कमरे के अंदर चला गया, जहां कुछ सूखे चने रखे थे। मासूमियत में उसने चना उठाया और निगल लिया। कुछ ही पलों में वह जोर-जोर से रोने लगा। परिवार को समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ। जब तक बच्चे की परेशानी पहचानी गई, तब तक उसकी हालत बिगड़ चुकी थी। उस एक पल की चूक ने परिवार से उसकी सबसे कीमती चीज़ छीन ली वो है उनका बेटा।
छोटे बच्चों के साथ कितनी सावधानी जरूरी है
ये घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, एक सीख है। छोटे बच्चों की जिज्ञासा बहुत तेज होती है वे जो देखते हैं, उसे मुंह में डाल लेते हैं। यही कारण है कि उनके आस-पास छोटी चीज़ें जैसे चना, मूंगफली, सिक्के, बटन, खिलौनों के छोटे हिस्से नहीं होने चाहिए। सांस नली बहुत पतली होती है और ऐसी कोई भी चीज़ उसमें फंस जाए तो जान पर बन सकती है।
परिवार का टूटा दिल, आंखों में बस रह गई यादें
जिस घर में कल तक खिलखिलाहट गूंजती थी, आज वहां सन्नाटा पसरा है। दिव्यांश की मां की गोद सूनी हो गई। पिता की आंखों में सिर्फ एक सवाल है “काश उस दिन हम थोड़े और सतर्क होते।” हर मां-बाप के लिए यह एक चेतावनी है कि बच्चों के साथ रहते समय हमें हर छोटी चीज़ पर ध्यान देना होगा, क्योंकि बच्चे नासमझ होते हैं, लेकिन हमारी समझदारी ही उनकी सुरक्षा है। क्या आप भी मानते हैं कि बच्चों की देखभाल में छोटी-छोटी बातें बड़ी जिम्मेदारी होती हैं? कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें, ताकि और लोग भी सतर्क हो सकें।