नक्सलवाद का पतन और भारत की नई सुबह: हिड़मा का अंत और देश का ऐतिहासिक मोड़
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई के बीच एमएमसी (MMC) स्पेशल जोनल कमेटी ने 15 फरवरी, 2026 तक हथियार छोड़ने का प्रस्ताव दिया है। बदले में, उन्होंने सरकार से तब तक एंटी-माओवादी ऑपरेशन रोकने की अपील की है।
सरकार की सख्ती और हाल ही में नक्सली नेता हिडमा की सुरक्षा बलों द्वारा हत्या के बाद नक्सलियों में डर का माहौल है। सैकड़ों नक्सली पहले ही सरेंडर कर चुके हैं।
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MMC ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को लिखे लेटर में कहा है कि वे हथियार छोड़ना चाहते हैं और सरकार के रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम को मानने के लिए तैयार हैं। लेटर में यह भी अनुरोध किया गया है कि निर्णय लेने के लिए उन्हें कुछ समय दिया जाए, क्योंकि उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक सेंट्रलिज्म के सिद्धांतों का पालन करती है। MMC ज़ोन के स्पोक्सपर्सन अनंत ने 22 नवंबर को जारी लेटर में कहा है कि “हम अपने एक्टिविटीज़ को रोकने का ऑफर देते हैं और समझते हैं कि 15 फरवरी तक यह कदम माओवादी को खत्म करने की सरकार की डेडलाइन 31 मार्च, 2026 के अंदर है।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM विजय शर्मा ने कहा कि माओवादी को एक ठोस प्रपोजल देना चाहिए और 15 फरवरी की डेडलाइन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “लेटर और ऑडियो देखा है, इसमें इतना समय नहीं लगता। उन्हें स्पष्ट और ठोस ऑफर देना होगा।”
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