रायपुर, 28 अक्टूबर 2025।
भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2023 में लॉन्च किए गए संशोधित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अब छत्तीसगढ़ राज्य में सभी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र पूरी तरह ऑनलाइन बनाए जा रहे हैं। इस व्यवस्था से पारदर्शिता और प्रमाणिकता दोनों में वृद्धि हुई है।
वर्ष 1969 के जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम में वर्ष 2023 में किए गए संशोधन के अनुसार, अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों की जन्म तिथि प्रमाणित करने के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र ही एकमात्र वैध दस्तावेज माना जाएगा। वहीं, अक्टूबर 2023 से पहले जन्मे बच्चों के लिए अन्य दस्तावेज भी जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में मान्य रहेंगे।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि अप्रैल 2023 के बाद से जन्मे प्रत्येक बच्चे के लिए केवल ऑनलाइन जारी जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य होगा। जबकि पुराने, मैन्युअल प्रमाण पत्र धारकों के लिए भी अब नया प्रावधान उपलब्ध है, जिसके तहत वे अपने प्रमाण पत्र को पोर्टल पर डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित करवा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, कुछ जिलों में केवल क्यूआर कोड (QR Code) युक्त जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर ही आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। इस विषय में राज्य सरकार ने UIDAI हैदराबाद के सहायक प्रबंधक से अनुरोध किया है कि सभी आधार केंद्रों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करें, ताकि अक्टूबर 2023 से पूर्व जन्मे बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
बताया गया है कि संशोधित पोर्टल के लॉन्च के शुरुआती चरण में कुछ तकनीकी समस्याएँ आई थीं, जिन्हें भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय, नई दिल्ली ने अब पूरी तरह दूर कर दिया है। साथ ही राज्य के सभी रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को नए पोर्टल पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिला स्तर पर भी नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे अब यह प्रक्रिया पूरी तरह सुचारू और पारदर्शी रूप से संचालित हो रही है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में सभी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही जारी किए जा रहे हैं, और पोर्टल तकनीकी रूप से पूरी तरह क्रियाशील है।
— CG NOW न्यूज डेस्क

