काठमांडू। नेपाल की राजधानी सोमवार को तब अशांति में डूब गई जब हजारों युवाओं ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को आंसू गैस, पानी की बौछार और यहां तक कि हवाई फायरिंग करनी पड़ी। कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं और उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
सुबह 9 बजे से ही मैतीघर इलाके में प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। देखते ही देखते विरोध इतना उग्र हो गया कि भीड़ बैरिकेड तोड़कर संसद भवन तक जा पहुंची। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प हुई और गोलियां भी चलीं। घायल प्रदर्शनकारियों का इलाज एवरेस्ट और सिविल अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में किया जा रहा है। ‘हामी नेपाल’ संगठन ने मौके पर ही प्राथमिक उपचार शिविर भी लगाया है।
युवाओं का यह आंदोलन हाल ही में सरकार के उस फैसले के खिलाफ है, जिसके तहत सभी सोशल मीडिया कंपनियों को पंजीकरण के लिए 7 दिन का समय दिया गया था। मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप), अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स (ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स ने पंजीकरण नहीं कराया, जिसके बाद सरकार ने गुरुवार से इन पर प्रतिबंध लगा दिया।
सरकार का तर्क है कि फर्जी अकाउंट और अपंजीकृत प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल नफरत, अफवाह और साइबर अपराध फैलाने में हो रहा था। वहीं, प्रदर्शनकारी इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला मान रहे हैं।
देशभर में विरोध की लहर फैल गई है और छात्रों से लेकर सामाजिक संगठनों तक सभी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। सेना को भी तैनात कर दिया गया है ताकि हालात काबू में रखे जा सकें।