नई दिल्ली. भारतीय रेलवे में सफर करने वालों के लिए जुलाई महीने की शुरुआत एक नए झटके के साथ हुई है। आज 1 जुलाई 2025 से देशभर में ट्रेनों के किराए में बढ़ोतरी की गई है। रेलवे मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक परिपत्र के अनुसार अब मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के टिकट पहले की तुलना में अधिक महंगे हो गए हैं। यह बदलाव खासतौर पर लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनों पर लागू किया गया है, जिससे आम यात्रियों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार किराए में यह संशोधन सभी गैर-वातानुकूलित (नॉन-एसी) और वातानुकूलित (एसी) श्रेणियों पर लागू होगा। नॉन-एसी श्रेणी में अब यात्रियों को प्रति किलोमीटर 1 पैसा अधिक देना होगा जबकि एसी श्रेणी में यह बढ़ोतरी 2 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से लागू की गई है। हालांकि राहत की बात यह है कि मासिक सीजन टिकट (एमएसटी), शहरी ट्रांजिट सेवाओं और लोकल ट्रेनों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
रेलवे की यह नई दरें विशेष रूप से उन ट्रेनों पर लागू होंगी जो लंबी दूरी तय करती हैं और जिनमें उच्च श्रेणी की सुविधाएं दी जाती हैं। इनमें प्रमुख रूप से राजधानी, शताब्दी, वंदे भारत, तेजस, दुरंतो, हमसफर, अमृत भारत, गतिमान, महामना, अंत्योदय, जनशताब्दी और युवा एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के नाम शामिल हैं। इन सभी ट्रेनों के किराए में वृद्धि की गई है, जो आज से प्रभावी हो गई है।
रेलवे बोर्ड की ओर से जारी सूचना के मुताबिक द्वितीय श्रेणी के यात्रियों को 500 किलोमीटर तक की यात्रा पर पहले की दरों पर ही टिकट मिलेगा, यानी इस दूरी तक कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। लेकिन यदि यात्रा इससे अधिक की है तो प्रत्येक किलोमीटर के लिए 0.5 पैसा अतिरिक्त किराया देना होगा।
इसी प्रकार स्पीलर (Sleeper) और फर्स्ट क्लास श्रेणियों में भी प्रति किलोमीटर 0.5 पैसे की वृद्धि की गई है। वहीं एसी फर्स्ट, एसी सेकंड और एसी थर्ड क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों को प्रति किलोमीटर 2 पैसे ज्यादा देने होंगे।
रेल मंत्रालय ने यह कदम राजस्व वृद्धि और बेहतर सेवा के उद्देश्य से उठाया है। हालांकि इससे यात्रियों के खर्चों में इजाफा होगा, विशेषकर उन लोगों के लिए जो नियमित तौर पर लंबी दूरी की ट्रेनों से सफर करते हैं।
यदि आप आज या आगे के दिनों में ट्रेन से यात्रा करने का विचार कर रहे हैं तो टिकट बुक करते समय इन नई दरों को ध्यान में रखें। समय रहते जानकारी होना आपकी योजना और बजट दोनों के लिए जरूरी है।