देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने करोड़ों डिजिटल पेमेंट्स यूजर्स के लिए एक बड़ा और अहम बदलाव लागू करने की घोषणा की है। बैंक अपनी लोकप्रिय mCASH सुविधा को 30 नवंबर 2025 के बाद पूरी तरह बंद करने जा रहा है। इसका सीधा मतलब है कि 1 दिसंबर 2025 से OnlineSBI और YONO Lite प्लेटफॉर्म पर mCASH के माध्यम से पैसे भेजने या क्लेम करने की सुविधा उपलब्ध नहीं रहेगी। बैंक का यह फैसला डिजिटल पेमेंट्स के बढ़ते इस्तेमाल और तकनीकी आधुनिकीकरण को देखते हुए लिया गया है। जिन SBI ग्राहकों का काम इस आसान फीचर पर निर्भर था, उन्हें अब अपनी बैंकिंग आदतों में बदलाव करना होगा।
क्या थी mCASH सर्विस और क्यों थी जरूरी?
mCASH सर्विस SBI ग्राहकों के बीच छोटे और त्वरित लेनदेन के लिए बहुत लोकप्रिय थी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि यह ग्राहकों को बिना किसी बेनिफिशियरी को जोड़े केवल मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी का उपयोग करके तुरंत पैसा भेजने की अनुमति देती थी।
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कैसे होता था लेनदेन: जब कोई ग्राहक mCASH के माध्यम से पैसा भेजता था, तो प्राप्तकर्ता के पास एक सुरक्षित लिंक और एक आठ अंकों का पासकोड आता था। इस पासकोड के माध्यम से प्राप्तकर्ता उस राशि को अपने किसी भी बैंक खाते में आसानी से ट्रांसफर कर सकता था।
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असर: यह सुविधा खत्म होने का सबसे ज्यादा असर उन यूजर्स पर पड़ेगा जो बेनिफिशियरी रजिस्ट्रेशन की लंबी प्रक्रिया से बचने के लिए इसका उपयोग करते थे।
बंद करने की वजह: UPI और सुरक्षा की ओर कदम
SBI ने स्पष्ट किया है कि mCASH को बंद करने का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को ज्यादा तेज, विश्वसनीय और आधुनिक डिजिटल पेमेंट विकल्पों की ओर ले जाना है।
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बैंक का तर्क: mCASH पुरानी तकनीक पर आधारित एक प्रणाली थी। आज के समय में UPI, IMPS, NEFT और RTGS जैसे विकल्प उपलब्ध हैं जो mCASH की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित और तेज हैं।
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आधुनिकीकरण: देश में UPI की बढ़ती लोकप्रियता और सुरक्षा के उच्च मानकों के कारण बैंक अब अपना पूरा ध्यान आधुनिक पेमेंट मोड पर केंद्रित करना चाहता है। यह कदम बैंकिंग सिस्टम में और अधिक पारदर्शिता और गति लाएगा।
ग्राहकों को निर्देश: अब इन तरीकों का करें इस्तेमाल
SBI ने ग्राहकों को यह बदलाव लागू होने से पहले ही डिजिटल पेमेंट्स के लिए वैकल्पिक और आधुनिक माध्यमों का उपयोग शुरू करने का निर्देश दिया है:
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प्राथमिक विकल्प: ग्राहकों को BHIM SBI Pay (UPI ऐप), IMPS (तत्काल फंड ट्रांसफर) और अन्य इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर सेवाओं का उपयोग शुरू कर देना चाहिए।
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UPI की सहजता: UPI के माध्यम से भुगतान करना बेहद आसान और त्वरित है। उपयोगकर्ता अब VPA, अकाउंट नंबर-IFSC, या QR कोड के जरिए सहजता से पैसे भेज सकते हैं, जिसमें mCASH की तरह पासकोड या लिंक की जटिलता नहीं होती।
हालांकि mCASH की सुविधा खत्म हो रही है, लेकिन UPI और IMPS जैसे विकल्प SBI ग्राहकों को पहले से अधिक सुरक्षित और तेज अनुभव प्रदान करेंगे।
आधुनिकता की ओर बढ़ रहा बैंकिंग
SBI का यह फैसला स्पष्ट रूप से दिखाता है कि डिजिटल बैंकिंग का भविष्य पूरी तरह से UPI और तेज इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर पर निर्भर है। mCASH का बंद होना एक युग का अंत है, लेकिन यह ग्राहकों को अधिक सुरक्षित और आधुनिक डिजिटल पेमेंट के लिए प्रेरित करेगा। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

