रायपुर 13 जून 2025 CG NOW रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ में शिक्षा को जनआंदोलन का रूप देने की दिशा में राज्य सरकार ने एक नई पहल की है आगामी 16 जून 2025 से प्रदेश भर में शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ किया जाएगा इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर इसमें सक्रिय भागीदारी की अपील की है
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा को घर घर पहुंचाने प्रत्येक बच्चे का स्कूल में नामांकन सुनिश्चित करने और शत प्रतिशत साक्षरता की दिशा में यह उत्सव एक निर्णायक कदम होगा
मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश कोई बच्चा न छूटे हर बच्चा जुड़े
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा
प्रदेश को शत प्रतिशत साक्षर बनाना चुनौतीपूर्ण जरूर है लेकिन असंभव नहीं यदि समाज के सभी वर्ग सभी जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक तंत्र एकजुट होकर कार्य करें तो यह सपना साकार हो सकता है
उन्होंने जोर दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी बच्चा विद्यालय से वंचित न रहे और सभी बच्चों का समय पर प्रवेश सुनिश्चित हो
शिक्षा नीति और सुधारों की पृष्ठभूमि
राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम पहले से लागू है
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत यह लक्ष्य तय किया गया है कि कक्षा 12वीं तक शाला त्याग दर ड्रॉपआउट को शून्य तक लाया जाए
इसके लिए हर स्तर पर शैक्षणिक अवरोधों की पहचान कर उन्हें दूर करने की जिम्मेदारी सभी हितधारकों की है
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान एक ठोस प्रयास
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की शुरुआत की जा रही है जिसका उद्देश्य सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुदृढ़ करना है
शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर शिक्षकविहीन या एकल शिक्षक विद्यालयों में नई पदस्थापनाएं की गई हैं
इससे हर बच्चे तक शिक्षा का अधिकार पहुँचाने की दिशा में मजबूती मिली है
अधोसंरचना और मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार स्कूल शिक्षा की अधोसंरचना को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में रख रही है
उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे शाला प्रवेश उत्सव में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बच्चों और अभिभावकों को प्रेरित करें
सामाजिक सहभागिता से संवरता भविष्य
मुख्यमंत्री का कथन
हमने बनाया है हम ही संवारेंगे
जनभागीदारी की उस भावना को प्रतिबिंबित करता है जिसके तहत शिक्षा केवल सरकार का विषय नहीं बल्कि हर नागरिक की साझी जिम्मेदारी बनती है
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी जनप्रतिनिधि इस अभियान का नेतृत्व करेंगे और छत्तीसगढ़ को एक शिक्षित सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
शाला प्रवेश उत्सव को शिक्षा के क्षेत्र में एक जनांदोलन की तरह देखा जा रहा है जो बच्चों की स्कूल तक पहुँच नामांकन गुणवत्ता और सामाजिक सहभागिता इन सभी स्तरों को नई दिशा देगा
राज्य सरकार के प्रयासों से यह उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल स्थापित करेगा