एयर शो की रिहर्सल के दौरान 4-5 नवंबर को कई फ्लाइट्स में देरी की संभावना
नई दिल्ली।
देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मंगलवार से शुरू हो गया है। यह प्रक्रिया 4 दिसंबर तक चलेगी। चुनाव आयोग 9 दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी करेगा, जबकि अंतिम सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
यह एसआईआर का दूसरा दौर है, इससे पहले बिहार में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
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शामिल राज्य और केंद्रशासित प्रदेश
एसआईआर जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू हुआ है, उनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, गोवा, राजस्थान, गुजरात, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पुडुचेरी शामिल हैं।
इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष मार्च से मई के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि अन्य राज्यों में आगामी दो से तीन वर्षों में चुनाव प्रस्तावित हैं।
इन सभी प्रदेशों में कुल लगभग 51 करोड़ मतदाता हैं।
असम में अलग घोषणा
असम में भी अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन वहां मतदाता सूची संशोधन की घोषणा अलग से की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि असम में नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में चल रही है, साथ ही नागरिकता अधिनियम के कुछ प्रावधान राज्य पर विशेष रूप से लागू हैं।
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द्रमुक की सुप्रीम कोर्ट में याचिका
इधर, तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक (DMK) ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पार्टी ने इस प्रक्रिया को असंवैधानिक, मनमाना और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा बताया है।
द्रमुक के संगठन सचिव आर.एस. भारती की ओर से दायर याचिका में चुनाव आयोग की 27 अक्तूबर की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि एसआईआर प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 — यानी समानता का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार — समेत अन्य कानूनी प्रावधानों, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और 1960 के मतदाता पंजीकरण नियमों का उल्लंघन करती है।
इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में इस सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।

