चेन्नई। भारत की शिक्षा प्रणाली में एक और बड़ा सुधार करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को घोषणा की कि सरकार कक्षा 11 और 12 के पाठ्यक्रम में स्किल आधारित शिक्षा को शामिल करने जा रही है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की प्रमुख सिफारिशों के अनुरूप की जा रही है।
धर्मेंद्र प्रधान ने यह एलान IIT मद्रास में आयोजित दक्षिणपथ समिट 2025 के मंच से किया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारी शिक्षा प्रणाली केवल डिग्री और सर्टिफिकेट तक सीमित न रहे, बल्कि छात्रों को योग्य, सक्षम और रोजगार-उन्मुख बनाया जाए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का हवाला देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जी ने सही कहा है कि हमें डिग्री और सर्टिफिकेशन दोनों चाहिए, लेकिन इसके साथ-साथ छात्रों को सक्षम भी बनाना होगा।”
प्रधान ने यह भी बताया कि कक्षा 6 से ही स्किल आधारित शिक्षा को शिक्षा प्रणाली में लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अभी तक यह शिक्षा वैकल्पिक रूप में मौजूद थी, लेकिन अब इसे आधिकारिक विषय के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्किल आधारित शिक्षा के माध्यम से छात्रों को केवल अकादमिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक, तकनीकी और उद्योग-आधारित दक्षताओं से भी लैस किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों में समस्या सुलझाने की क्षमता, व्यावसायिक कौशल और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने की योग्यता विकसित करना है।
सरकार की यह पहल न केवल छात्रों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को स्किल्ड वर्कफोर्स के रूप में एक मजबूत आधार भी देगी। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था को अधिक व्यावहारिक, लचीली और भविष्य-केंद्रित बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

