रायपुर, 5 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ के सुदूर आदिवासी अंचल जशपुर से शुरू हुआ महिला-प्रधान प्राकृतिक उत्पादों का ब्रांड ‘जशप्योर’ अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को तैयार है।
यह कदम भारत सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान और छत्तीसगढ़ शासन की लोकल-टू-ग्लोबल रणनीति का जीवंत उदाहरण है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लिए गए ऐतिहासिक निर्णय के तहत ‘जशप्योर’ ब्रांड का ट्रेडमार्क उद्योग विभाग को सौंपा जाएगा, जिससे इसके उत्पादन, ब्रांडिंग और वैश्विक विपणन का मार्ग प्रशस्त होगा।
—परंपरा से प्रेरित आधुनिक उद्यमिता
‘जशप्योर’ केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि आदिवासी महिलाओं की मेहनत, छत्तीसगढ़ी माटी की खुशबू और स्वदेशी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह ब्रांड प्राकृतिक, पोषणयुक्त और रसायनमुक्त खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देता है, जैसे –
महुआ नेक्टर, रागी लड्डू, ढेकी कूटा चावल, मिलेट पास्ता, महुआ कुकीज़, महुआ वन्यप्राश आदि।
इन उत्पादों की खासियत यह है कि इनमें कोई प्रिज़र्वेटिव या कृत्रिम स्वाद नहीं होता और ये सस्टेनेबल पैकेजिंग में उपलब्ध होते हैं।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल
‘जशप्योर’ की सबसे बड़ी ताकत हैं आदिवासी महिलाएं, जो संग्रहण, निर्माण, प्रसंस्करण और पैकेजिंग में मुख्य भूमिका निभा रही हैं।
यह ब्रांड रोज़गार का साधन भी बना है, जिसने सैकड़ों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है और उनके पारंपरिक ज्ञान को व्यावसायिक मंच पर पहुँचाया है।
–एयरपोर्ट से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक
रेयर प्लेनेट के साथ हुए एक ऐतिहासिक समझौते के तहत अब ‘जशप्योर’ के उत्पाद देश के 5 बड़े एयरपोर्ट्स पर बिकेंगे। यह समझौता मुख्यमंत्री द्वारा वर्चुअल माध्यम से हस्ताक्षरित किया गया, जो दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने स्वदेशी ब्रांड को वैश्विक मंच तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
—महुआ बना ‘फॉरेस्ट गोल्ड’
जशपुर के युवा वैज्ञानिक श्री समर्थ जैन ने बताया कि, “अब महुआ को केवल शराब से जोड़कर नहीं देखा जाएगा, बल्कि यह ‘ग्रीन गोल्ड’ के रूप में पहचाना जाएगा।”
उन्होंने कहा कि जशप्योर ने यह साबित किया है कि पारंपरिक स्वाद भी आधुनिक जीवनशैली में स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बन सकता है।
वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में सराहना
20 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में ‘जशप्योर’ के स्टॉल ने सभी का ध्यान खींचा। पोषण विशेषज्ञों, स्वास्थ्यप्रेमियों और स्टार्टअप निवेशकों ने महुआ और मिलेट उत्पादों की खूब प्रशंसा की।
इस दौरान ‘जशप्योर’ को प्राकृतिक, सुरक्षित और स्वादिष्ट उत्पादों का प्रतिनिधि माना गया।
‘जशप्योर’ ब्रांड का ट्रेडमार्क उद्योग विभाग को हस्तांतरित होने के बाद:
उन्नत मशीनों से बड़े पैमाने पर उत्पादन
विश्वस्तरीय गुणवत्ता सर्टिफिकेशन
प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग
जैसे प्रयास संभव हो पाएंगे। इससे वनोपज की माँग में वृद्धि, नए रोजगार के अवसर और आदिवासी क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिलेगा।
‘जशप्योर’ की सफलता यह दर्शाती है कि जब स्थानीय प्रतिभा को शासन का समर्थन, सही मार्गदर्शन, और वैश्विक सोच मिलती है, तो वह दुनिया के मंच पर चमक सकती है।
यह केवल जशपुर का नहीं, भारत के समग्र आदिवासी क्षेत्रों के लिए प्रेरणा बन रहा है।
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