छत्तीसगढ़ में बुधवार को दो अलग-अलग सड़क हादसों में दर्जनों लोग घायल हो गए, जिनमें मजदूरों के साथ स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाना दोनों हादसों की प्रमुख वजह रही।
पहला मामला खैरागढ़ जिले का है, जहां बुधवार शाम ग्राम बोरई के उदयपुर रोड मोड़ पर मजदूरों से भरी एक तेज रफ्तार पिकअप अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में 24 मजदूर घायल हो गए, जिनमें 3 की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे के तुरंत बाद चीख-पुकार मच गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि चालक तेज गति में गाड़ी चला रहा था और मोड़ पर ब्रेक नहीं लगा पाया। साथ ही पिकअप जैसे मालवाहक वाहनों में सवारी कराना न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
दूसरा हादसा सूरजपुर जिले के प्रेमनगर थाना क्षेत्र में हुआ, जहां स्कूली बच्चों से भरी एक वैन फुलकोना के पास अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खेत में पलट गई। वैन ब्रह्मपुर से बच्चों को लेकर वृंदावन जा रही थी। हादसे के समय वैन में कंचनपुर स्थित एक निजी स्कूल के 14 से 15 छात्र सवार थे। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उन्हें मामूली चोटें आई हैं। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर से सड़कों पर यातायात नियमों की अनदेखी और सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए तो ऐसे हादसे आम होते जाएंगे।