बीजापुर छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन को आज एक बड़ा झटका लगा है राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा माओवादी आत्मसमर्पण हुआ है बीजापुर जिले में 103 नक्सलियों ने हथियार डालकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया इन सभी पर कुल एक करोड़ छह लाख तीस हजार रुपये का इनाम घोषित था आत्मसमर्पण करने वालों को शासन की ओर से पचास पचास हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई
आत्मसमर्पण करने वालों में कई वरिष्ठ माओवादी भी शामिल हैं जिनमें डीव्हीसीएम पीपीसीएम एसीएम एरिया कमेटी सदस्य प्लाटून पार्टी सदस्य मिलिशिया कमांडर जनताना सरकार के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सीएनएम और डीएकेएमएस संगठन से जुड़े नेता शामिल हैं
इस साल अब तक 410 ने छोड़ा हथियार
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार एक जनवरी 2025 से अब तक 410 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है जबकि 421 गिरफ्तार हुए और 137 मुठभेड़ों में मारे गए हैं पिछले साल से अब तक कुल 924 गिरफ्तारियां 599 आत्मसमर्पण और 195 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है
आत्मसमर्पण की वजहें
माओवादियों के आत्मसमर्पण के पीछे कई अहम कारण सामने आए हैं
सुदूर इलाकों तक सड़क बिजली स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी विकास योजनाओं की पहुंच
संगठन से मोहभंग आंतरिक मतभेद और विश्वास की कमी
शीर्ष नेताओं का मुठभेड़ों में मारा जाना और कुछ का संगठन छोड़ना
शोषण व अनिश्चित भविष्य से त्रस्त होकर सामान्य जीवन की चाह
सुरक्षा बलों की लगातार सक्रियता
इस आत्मसमर्पण अभियान में डीआरजी बस्तर फाइटर्स एसटीएफ केरिपु और कोबरा बटालियन की अहम भूमिका रही
पुनर्वास नीति बनी आकर्षण का केंद्र
छत्तीसगढ़ सरकार की नई पुनर्वास नीति माओवादियों के लिए उम्मीद की किरण बनी है आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि रोजगार शिक्षा और सामाजिक पुनर्स्थापन की सुविधा दी जा रही है ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें
बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ जितेंद्र कुमार यादव ने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को आकर्षित कर रही है उन्होंने अपील की कि संगठन में शामिल लोग भ्रामक विचारधाराओं को त्यागकर निडर होकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और अपने परिवार के साथ सामान्य जीवन जिएं

