राजधानी रायपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। अक्षत विहार बोरिया खुर्द की एक गरीब मजदूर महिला ने अपने मकान मालिक की बेटी पर न सिर्फ गाली-गलौज करने, बल्कि मारपीट कर सीढ़ी से धक्का देने का आरोप लगाया है। महिला के सिर पर गहरी चोट आई और खून भी निकला। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर समाज में आम आदमी को न्याय कब और कैसे मिलेगा।
मामले की शुरुआत: गाली-गलौज से बढ़ा विवाद
घटना 22 अगस्त 2025 की शाम लगभग 6 बजे की बताई जा रही है। पीड़िता रोजी-मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करती है और अक्षत विहार बोरिया खुर्द इलाके में किराए पर रहती है। पीड़िता ने बताया कि उसी समय मकान मालिक की बेटी लक्ष्मी ढीमर उसकी बेटी काव्या निषाद को बेवजह गाली-गलौज कर रही थी। जब उसने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार न करें, तो लक्ष्मी आग-बबूला हो गई और महिला को भी गंदी-गंदी गालियां देने लगी।
सीढ़ी से धक्का देकर किया घायल
पीड़िता के अनुसार, लक्ष्मी ने सिर्फ गाली तक ही मामला नहीं छोड़ा बल्कि हाथापाई शुरू कर दी। गुस्से में उसने महिला को धक्का दे दिया जिससे वह सीधे सीढ़ियों से नीचे गिर पड़ी। गिरने से महिला के सिर में गंभीर चोट आई और खून बहने लगा। यही नहीं, उसके हाथ-पैर और पीठ में भी दर्द व चोट आई। आसपास मौजूद लोगों ने यह पूरा वाकया अपनी आंखों से देखा। घायल महिला ने किसी तरह अपने पति कन्हैया निषाद को घटना की जानकारी दी और फिर दोनों ने मिलकर थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस कार्रवाई: FIR दर्ज और मेडिकल जांच
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता की लिखित शिकायत मिलते ही FIR दर्ज कर ली गई है। महिला का मेडिकल परीक्षण भी कराया जा रहा है ताकि चोटों की पुष्टि हो सके। पुलिस का कहना है कि घटना में शामिल आरोपित लक्ष्मी ढीमर के खिलाफ गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि पहले भी मकान मालिक और किरायेदार के बीच विवाद की स्थिति कई बार सामने आई थी। इस बार मामला गंभीर रूप ले चुका है, इसलिए कानूनी कदम उठाना जरूरी है।
निष्कर्ष
रायपुर का यह मामला सिर्फ एक महिला के साथ हुई मारपीट की घटना नहीं है, बल्कि यह समाज में कमजोर वर्ग के साथ होने वाले अन्याय का बड़ा उदाहरण है। पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि पीड़िता को कितना और कितना जल्दी न्याय मिलता है।