Aadhaar Vision 2032: अब और सुरक्षित होगा आपका आधार, UIDAI ला रहा AI, Blockchain और Quantum Tech
आधार अब हर भारतीय के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। बच्चों के स्कूल एडमिशन से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने तक, हर जगह इसकी जरूरत पड़ती है। ऐसे में आधार से जुड़े नए नियमों का प्रभाव हर नागरिक पर पड़ेगा। सरकार ने 1 नवंबर 2025 से आधार सेवाओं में कई बदलाव लागू करने का फैसला किया है। इन बदलावों का उद्देश्य आधार से जुड़ी सेवाओं को पहले से ज्यादा तेज, आसान और सुरक्षित बनाना है।
पहला बड़ा बदलाव आधार डिटेल्स अपडेट करने की प्रक्रिया में किया गया है। अब तक लोगों को नाम, पता या जन्मतिथि जैसी जानकारी में सुधार के लिए आधार सेवा केंद्र जाना पड़ता था, लेकिन अब यह पूरा काम ऑनलाइन किया जा सकेगा। नया सिस्टम सरकारी दस्तावेजों जैसे पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या राशन कार्ड से स्वतः मिलान करेगा, जिससे अपडेट की प्रक्रिया तेज और त्रुटिरहित होगी।
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आधार अपडेट करने की फीस संरचना में भी बदलाव किया गया है। अब नाम, पता या मोबाइल नंबर में बदलाव कराने पर 75 रुपये का शुल्क लगेगा, जबकि फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन या फोटो अपडेट करने की फीस 125 रुपये तय की गई है। 5 से 7 वर्ष और 15 से 17 वर्ष के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट पूरी तरह निःशुल्क रहेगा। ऑनलाइन दस्तावेज़ अपडेट की सुविधा 14 जून 2026 तक मुफ्त होगी, इसके बाद यह सेवा केंद्रों पर 75 रुपये शुल्क के साथ उपलब्ध रहेगी। आधार रीप्रिंट की फीस 40 रुपये तय की गई है। घर पर एनरोलमेंट सेवा के लिए पहले व्यक्ति पर 700 रुपये और उसी पते पर प्रत्येक अतिरिक्त व्यक्ति के लिए 350 रुपये शुल्क लिया जाएगा।
दूसरा बदलाव आधार-पैन लिंकिंग से जुड़ा है। अब हर पैन कार्ड धारक को 31 दिसंबर 2025 तक अपना पैन आधार से लिंक कराना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर 1 जनवरी 2026 से पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा और इसका इस्तेमाल किसी भी वित्तीय या टैक्स से संबंधित कार्य में नहीं किया जा सकेगा। जो लोग नया पैन कार्ड बनवाएंगे, उनके लिए भी आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
तीसरा महत्वपूर्ण बदलाव केवाईसी यानी ‘नो योर कस्टमर’ प्रक्रिया को लेकर है। अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए यह प्रक्रिया पहले से अधिक सरल बना दी गई है। ग्राहक अब तीन तरीकों से केवाईसी पूरी कर सकेंगे—आधार ओटीपी वेरिफिकेशन, वीडियो केवाईसी और आमने-सामने सत्यापन। इससे बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में सुविधा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
इन सभी बदलावों का उद्देश्य आधार से जुड़ी प्रक्रियाओं को ज्यादा सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना है। ऑनलाइन अपडेट और आसान केवाईसी की सुविधा से लोगों का समय बचेगा, जबकि सख्त वेरिफिकेशन सिस्टम डेटा सुरक्षा को और मजबूत करेगा। UIDAI का कहना है कि यह बदलाव आधार सेवाओं को आधुनिक तकनीक के अनुरूप और नागरिकों की जरूरतों के हिसाब से और बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।
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