जगदलपुर, 17 अक्टूबर 2025:
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में आज एक ऐतिहासिक दिन है। लगभग 170 माओवादी कैडर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में सुबह 11 बजे जगदलपुर के रिजर्व पुलिस लाइन में हथियार डालकर आत्मसमर्पण करेंगे। यह कदम राज्य सरकार की कड़ी नक्सल उन्मूलन नीति और व्यापक सुरक्षा तथा विकास प्रयासों का नतीजा है। इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहेंगे।
माओवादी कैडरों का यह आत्मसमर्पण दण्डकारण्य क्षेत्र में सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन और सरकार की समन्वित रणनीतियों की सफलता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि बस्तर की ताकत उसके लोग हैं और उनकी शिक्षा, आजीविका और सामाजिक सम्मान के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस कदम से नक्सल समस्या के समाधान में एक नया युग शुरू होगा। स्टेनोग्राफर एवं टाईपिंग परीक्षा के लिए 30 अक्टूबर तक लिए जायेंगे आवेदन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर को नक्सल मुक्त घोषित किया है। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में 258 माओवादी कैडरों ने हिंसा छोड़ दी है, जिनमें 170 छत्तीसगढ़ में, 27 पहले दिन और 61 महाराष्ट्र में शामिल हैं। अमित शाह ने कहा कि सरकार 31 मार्च 2026 तक पूरे देश को नक्सल मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री साय ने अपने ट्विटर संदेश में कहा कि पिछले 22 महीनों में 477 नक्सलियों को न्यूट्रलाइज किया गया है, 2110 ने आत्मसमर्पण किया है और 1785 गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर पूरी तरह नक्सल मुक्त हो चुके हैं, जबकि दक्षिण बस्तर में यह लड़ाई निर्णायक चरण में है। उन्होंने बताया कि सरकार की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार” योजना की सफलता से यह बदलाव संभव हुआ है। छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर: रूपेश अपने 130 साथियों के साथ कर सकता है आत्मसमर्पण, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 64 सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं, जिससे न केवल सुरक्षा में सुधार हुआ है बल्कि विकास कार्यों को भी गति मिली है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो लोग शांति और विकास का रास्ता चुनेंगे उनका स्वागत है, लेकिन जो हथियार उठाकर हिंसा करेंगे उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
प्रशासन ने आत्मसमर्पण कार्यक्रम को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए हर आवश्यक तैयारी कर ली है। यह घटना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में नक्सल उन्मूलन अभियान की एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। इस आत्मसमर्पण से बस्तर क्षेत्र में शांति और विकास की नई उम्मीद जगी है, और यह राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। सर्च ऑपरेशन में बड़ी सफलता: जवानों ने जंगल में नक्सलियों की बंदूक फैक्ट्री की खोज की

