श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या के भव्य निर्माण के बाद अब मंदिर परिसर में धर्म-संस्कृति को जीवंत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। मंदिर में स्थापित किए गए 15 से अधिक देवी-देवताओं के मंदिरों में नियमित पूजा-पाठ, श्रृंगार और भोग सेवा के लिए नए पुजारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह अवसर उन युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका है, जो धार्मिक कार्यों से जुड़कर सेवा करना चाहते हैं। सबसे खास बात ये है कि चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के दौरान न सिर्फ भोजन और आवास मिलेगा, बल्कि 2000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 26 जून से 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की है। देश के किसी भी हिस्से से इच्छुक युवा आवेदन कर सकते हैं, लेकिन अयोध्या परिक्षेत्र के युवाओं को वरीयता दी जाएगी।
आवेदन के लिए आवश्यक शर्तें:
- आवेदक की आयु 20 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- गुरुकुल पद्धति से धार्मिक शिक्षा प्राप्त होना अनिवार्य है।
- अभ्यर्थी मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हो।
- चयनित उम्मीदवारों को साक्षात्कार और प्रशिक्षण के बाद नियुक्ति दी जाएगी।
प्रशिक्षण में मिलेंगी ये सुविधाएं
नए पुजारियों को राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें धार्मिक परंपराओं, पूजा विधियों, मंत्रों और आचार संहिता की शिक्षा दी जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान मिलने वाली सुविधाएं:
- भोजन और आवास की पूर्ण व्यवस्था
- ₹2000 प्रति माह की छात्रवृत्ति
- अनुभवी आचार्यों से प्रशिक्षण
- मंदिर परिसर में प्रत्यक्ष सेवा का अवसर
धार्मिक समिति की देखरेख में यह पूरा प्रशिक्षण होगा, जिसके अध्यक्ष ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी जी को बनाया गया है। राम मंदिर में पुजारियों की नियुक्ति सिर्फ एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को संजोने का प्रयास है। ऐसे युवाओं को जो धर्म और सेवा से जुड़ना चाहते हैं, उनके लिए यह अद्वितीय अवसर है। यह पहल न सिर्फ मंदिर की व्यवस्था को सशक्त बनाएगी, बल्कि नवयुवकों को रोजगार और सम्मानजनक जीवन की ओर अग्रसर भी करेगी।