रक्षा बंधन की खुशियां मातम में बदल गईं, जब एक ही रात में सांप के काटने से दो लोगों की मौत हो गई। इनमें एक 17 वर्षीय 9वीं की छात्रा और एक 36 वर्षीय युवक शामिल हैं। दोनों ही अपने-अपने घर में सुरक्षित थे, लेकिन सांप के डसने से उनकी जिंदगी खत्म हो गई। ग्रामीण इलाज और समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण दोनों की जान नहीं बच सकी। इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। दंतेवाड़ा जिले के गीदम थाना क्षेत्र का है।
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पहला मामला: राखी मनाने घर आई छात्रा की मौत
पहला मामला छोटे तुमनार गांव का है। यहां की रहने वाली सोनमती मोचाकी (17), जावंगा एजुकेशन सिटी में पढ़ाई कर रही थी। राखी त्योहार मनाने के लिए वह अपने गांव आई थी। राखी वाले दिन शाम को वह जंगल गई और करीब 6 से 7 बजे के बीच घर लौटी। घर आकर उसने परिजनों से कहा कि तबीयत ठीक नहीं लग रही। वह जमीन पर लेट गई। कुछ देर बाद उसके मुंह से झाग निकलने लगा और शरीर नीला पड़ने लगा।
परिवार ने तुरंत गांव के सिरहा गुनिया को बुलाया और स्थानीय उपचार कराया, लेकिन हालत बिगड़ती गई और सोनमती ने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन उसका शव गीदम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि मौत सांप के काटने से हुई है। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
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दूसरा मामला: घर में सोते समय सांप ने डसा
दूसरी घटना मोफलनार गांव में हुई। यहां के रहने वाले राजा राम मड़काम (36) रात में परिवार के साथ खाना खाकर अपने घर में सो रहे थे। रक्षा बंधन की रात ही एक सांप उनके घर में घुस आया और सोते समय उन्हें डस लिया। परिवार ने तुरंत मदद जुटाने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल ले जाने से पहले ही राजा राम की मौत हो गई। उनका शव भी गीदम अस्पताल के मर्च्युरी में रखा गया है और पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
बरसात में बढ़ जाता है सांप के काटने का खतरा
विशेषज्ञ बताते हैं कि बरसात के दिनों में सांप अपने बिलों से बाहर निकलकर अक्सर घरों, खेतों और लकड़ी के ढेर में छिप जाते हैं। ऐसे में सांप के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। कई बार लोग घबराकर या अंधविश्वास में समय बर्बाद कर देते हैं, जिससे पीड़ित की जान नहीं बच पाती। सही समय पर सही इलाज और सावधानी ही जिंदगी बचा सकती है।
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सांप के काटने पर क्या करें
- घबराएं नहीं – पीड़ित को शांत रखें, ताकि दिल की धड़कन तेज न हो और जहर तेजी से न फैले।
- मरीज को हिलने-डुलने से बचाएं – काटे गए हिस्से को स्थिर रखें।
- तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाएं – एंटी-वेनम इंजेक्शन ही सबसे असरदार इलाज है।
- काटे हुए हिस्से को दिल के स्तर से नीचे रखें – इससे जहर का फैलाव धीमा होगा।
- काटने का समय और सांप का विवरण याद रखें – डॉक्टर को बताने में मदद मिलेगी।
सांप के काटने पर क्या न करें
- जड़ी-बूटी, तंत्र-मंत्र या झाड़-फूंक में समय बर्बाद न करें – इससे कीमती समय निकल जाता है।
- काटे हुए हिस्से को न चूसें और न काटें – यह खतरनाक और बेअसर है।
- टाइट कपड़ा, रस्सी या धागा कसकर न बांधें – इससे खून का प्रवाह रुक सकता है।
- पीड़ित को दौड़ने या भागने न दें – इससे जहर तेजी से फैलेगा।
- बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवाई न दें – गलत दवाई हालत बिगाड़ सकती है।
रक्षा बंधन की रात दंतेवाड़ा में खुशियों के धागे टूट गए… बरसात का मौसम और लापरवाही, मिलकर जान के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाते हैं। सांप के काटने पर अंधविश्वास नहीं, समय पर इलाज ही जिंदगी बचा सकता है। इन दो दर्दनाक मौतों ने हमें एक कड़ा सबक दिया है, सावधानी, जागरूकता और त्वरित मेडिकल सुविधा ही असली रक्षा है।
क्या आप मानते हैं कि हर गांव में सांप के काटने पर तुरंत इलाज की सुविधा और जागरूकता अभियान होना चाहिए? अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को शेयर करें… शायद आपकी एक शेयर किसी की जान बचा दे।