गाड़ियों में 20 प्रतिशत एथनॉल-मिक्स्ड पेट्रोल (E20) के इस्तेमाल से ईंधन दक्षता में 2-4 प्रतिशत की मामूली गिरावट आ सकती है, लेकिन E20 से देश को होने वाला कुल लाभ, ग्राहकों द्वारा पेट्रोल पर किए गए अतिरिक्त खर्च से कहीं ज्यादा है। वाहन और पेट्रोलियम उद्योग के अधिकारियों और परीक्षण एजेंसी ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) ने शनिवार को ये बात कही। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने कहा कि E20 फ्यूल के इस्तेमाल को लेकर इंश्योरेंस और वॉरंटी से जुड़ी चिंताएं गलत हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ऑटोमोबाइल कंपनियां बिना किसी शर्त के वॉरंटी का सम्मान करेंगी।
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गाड़ी की माइलेज पर क्या पड़ेगा असर
सियाम के कार्यकारी निदेशक पी. के. बनर्जी ने कहा, “हम मानते हैं कि इस फ्यूल की प्रकृति के कारण माइलेज में थोड़ी कमी आती है, लेकिन इससे देश, समाज, किसानों, पर्यावरण, सरकारी खजाने और हम सभी को बहुत बड़ा लाभ होता है।” बनर्जी ने ग्राहकों के उन दावों को खारिज कर दिया कि ईंधन दक्षता में 20 से 50 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा, “ये सब एक गलत सूचना फैलाने का अभियान है।” अलग-अलग टेस्ट के नतीजों का हवाला देते हुए बनर्जी ने कहा, “हमने जिन भी गाड़ियों का टेस्ट किया, उनमें (माइलेज में कमी की) सीमा 2 से 4 प्रतिशत पाई गई।”
क्या खत्म हो जाएगी गाड़ी की वॉरंटी
पी. के. बनर्जी ने बताया कि एथनॉल के कैलोरी मान की प्रकृति के कारण E20 में पेट्रोल के मुकाबले केवल 6 प्रतिशत कम ऊर्जा होती है, क्योंकि इथेनॉल का कैलोरी मान पेट्रोल की तुलना में 30 से 35 प्रतिशत कम होता है। जब नॉन-E20 गाड़ियों में E20 फ्यूल के इस्तेमाल से वॉरंटी और बीमा से जुड़े मुद्दों के बारे में पूछा गया, तो बनर्जी ने कहा, “E20 ईंधन से संबंधित बीमा और वॉरंटी के बारे में कोई भी दावा फैलाना गलत है। वाहन निर्माता (बिना किसी किंतु-परंतु के वॉरंटी का सम्मान करेंगे।”
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क्या गाड़ी पर कोई बुरा असर पड़ेगा
एआरएआई के निदेशक रेजी मथाई ने 2016 और 2021 में किए गए दो अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि “जांच में हमने पाया कि गाड़ियों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ा। वे ई20 ईंधन के साथ ठीक से काम कर रही हैं।” फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री के सलाहकार पी. एस. रवि ने पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के फायदे बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण इलाकों में खुशहाली बढ़ी है। उन्होंने दावा किया कि किसानों को ज्यादा कमाई हुई है, क्योंकि अकेले 2025 में एथनॉल खरीदने के लिए उन्हें 40,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
देश की अर्थव्यवस्था को कैसे फायदा मिलेगा
इस बारे में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के कार्यकारी उपाध्यक्ष विक्रम गुलाटी ने कहा कि एथनॉल मिलाने के फायदे को एक बड़े नजरिए से देखना चाहिए। यह विदेशी मुद्रा की बचत करता है, जिसका सीधा असर भारत के चालू खाता घाटे और पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। गुलाटी ने बताया, “जो पैसा (कच्चे तेल के आयात के लिए) विदेश भेजा जाता था, वो अब किसानों के पास जा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। वे ज्यादा खर्च कर पाएंगे और अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे।”