भारतीय स्टेट बैंक के बाद, अब बैंक ऑफ इंडिया ने भी दिवालिया हो चुकी रिलायंस कॉम्युनिकेशन्स के लोन अकाउंट को धोखाधड़ी वाला घोषित किया है। बैंक ने इस मामले में कंपनी के पूर्व डायरेक्टर अनिल अंबानी का नाम भी लिया है। शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक ऑफ इंडिया ने 2016 में कथित तौर पर धन के हेरफेर का हवाला दिया है। पब्लिक सेक्टर के बैंक ने अगस्त 2016 में रिलायंस कॉम्युनिकेशन्स को उसके चालू पूंजीगत व्यय और परिचालन व्यय तथा मौजूदा देनदारियों के भुगतान के लिए 700 करोड़ रुपये का लोन दिया था।
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रिलायंस कॉम्युनिकेशन्स ने शेयर बाजार को दी जानकारी
रिलायंस कॉम्युनिकेशन्स (आरकॉम) ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक के पत्र के बारे में बताया है। इसके अनुसार अक्टूबर 2016 में जारी की गई स्वीकृत राशि का आधा हिस्सा एक एफडी में निवेश किया गया था, जिसकी स्वीकृति पत्र के अनुसार अनुमति नहीं थी। आरकॉम ने कहा कि उसे 22 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया से 8 अगस्त का एक पत्र मिला है, जिसमें बैंक द्वारा ”कंपनी, अनिल अंबानी (कंपनी के प्रोमोटर और पूर्व डायरेक्टर) और मंजरी अशोक कक्कड़ (कंपनी की पूर्व डायरेक्टर) के लोन अकाउंट को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने” के फैसले की जानकारी दी गई है।
भारतीय स्टेट बैंक ने भी जून में कंपनी पर लगाया था पैसों के हेरफेर का आरोप
इससे पहले, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भी इस साल जून में ऐसा ही किया था, जिसमें लोन की शर्तों का उल्लंघन करते हुए लेनदेन करके बैंक के पैसों के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। एसबीआई की शिकायत के बाद सीबीआई ने शनिवार को रिलायंस कॉम्युनिकेशन्स और अंबानी के आवास से जुड़े परिसरों की तलाशी ली। सीबीआई ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक ने रिलायंस कॉम्युनिकेशन्स और अनिल अंबानी द्वारा कथित हेराफेरी के चलते 2929.05 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया है।
अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने क्या कहा
भारतीय स्टेट बैंक की शिकायत के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिकायत दर्ज की। अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने एक बयान में सभी आरोपों और अभियोगों का पुरजोर खंडन किया और कहा कि वे अपना बचाव करेंगे। प्रवक्ता ने कहा, ”एसबीआई द्वारा दर्ज की गई शिकायत 10 साल से भी ज्यादा पुराने मामलों से संबंधित है। उस समय अनिल अंबानी कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे और कंपनी के डेली मैनेजमेंट में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।”